शिक्षाशास्त्र / Education

खुला विश्वविद्यालय | Open University in Hindi

खुला विश्वविद्यालय | Open University in Hindi

खुला विश्वविद्यालय

शैक्षिक नवाचारों में खुला विश्वविद्यालय आजकल चर्चा का विषय बना हुआ है। खुल विश्वविद्यालय दूरवर्ती शिक्षा के क्षेत्र में सर्वाधिक लोकप्रिय नवाचार को विभिन्न विशेषज्ञों ने अनेक नाम दिये हैं, जैसे- मुक्त विश्वविद्यालय (Open University), दीवार विहीन विश्वविद्यालय (University without wall), खुले आकाश का विश्वविद्यालय (University of the air) आदि। खुला विश्वविद्यालय एक ऐसा प्रयास है जो औपचारिक विधियों द्वारा बहुत बड़ी संख्या में ऐसे छात्रों को शिक्षित करने का माध्यम है जो औपचारिक शिक्षा की छत्र-छाया में नहीं आ सके।

औपचारिक विश्विविद्यालयों की तरह इसमें प्रवेश के लिए किसी शैक्षिक योग्यता के निम्नतम स्तर का बन्धन नहीं रहता है। उपस्थिति की अनिवार्यता, विद्यालय परिसर में आकर बैठने और पढ़ने का बन्धन भी नहीं लगाया जाता। इन बन्धनों से मुक्ति अथवा खुलपन के कारण हो दूरवर्ती शिक्षा की इस प्रणाली को खुला या मुक्त विश्वविद्यालय कहा जाता है।

इस प्रकार के विश्वविद्यालय छात्रों को प्रमाणपत्र एवं उपाधि प्रदान करने के लिए कार्यरत है। इसी कारण से अन-औपचारिक शिक्षा के इस नवाचार को खुला विश्वविद्यालय कहा गया है। खुले विश्वविद्यालय में 20 वर्ष के ऊपर की आयु का कोई भी व्यक्ति चाहे उसके पास कोई शैक्षिक प्रमाण पत्र हो या न हो प्रवेश पा सकता है। विश्वविद्यालयों में आकर बैठकर शिक्षक से मौखिक पाठ लेने की आवश्यकता नहीं होती। विश्वविद्यालय के भौगोलिक क्षेत्र में रहने वाला व्यक्ति अपने निवास स्थान या कार्यस्थल पर अपना दैनिक कार्य अथवा जीविकोपार्जन करते हुए इन विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षा ग्रहण कर सकता है। खुले विश्वविद्यालय में निर्धारित पाठ्यक्रमों को छात्र अपनी गति से समाप्त कर परीक्षा में बैठ सकते हैं। उनके लिए इस बात का बन्धन नहीं रहता कि पाठ्यक्रमां को सीमित अवधि में समाप्त करना है।

खुला विश्वविद्यालय एक ऐसा नवाचार है जो शैक्षिक तकनीकी का सहारा लेकर उच्च शिक्षा को आम जनता तक अल्प व्यय में पहुँचाने में सक्षम है। इसके स्वरूप और कार्य प्रणाली को  समझने के लिए सर्वोत्तम उपाय होगा या ऐसे खुले विश्वविद्यालय का वणन जो विश्व के लिए एक उदाहरण बन गया है।

(1) ब्रिटेन का खुला विश्वविद्यालय-

ब्रिटेन का खुला विश्वविद्यालय विश्व के अन्य खुले विश्वविद्यालयों के लिए एक उदाहरण और मानदण्ड बन गया है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना का सुझाव ब्रिटेन की लेबर पार्टी के तत्कालीन नेता श्री हैरोल्ड विल्सन ने सन् 1963 में दिया था। उन्होंने एक वक्तव्य द्वारा ‘एक यूनिवर्सिटी ऑफ द एअर’ की योजना का प्रारूप प्रस्तुत किया। यह एक ऐसी शिक्षा प्रणाली थी जो टो० वी०, रेडियो और पत्राचार पाठ्यक्रमों का प्रयोग करगा।

यद्यपि इस योजना और विचार की इंग्लैण्ड के लोगों ने खिल्ली उड़ाई फिर भी ऐसे व्यक्तियों की जिन्होंने किसी भी कारण से शिक्षा प्राप्त करने का अवसर नहीं पाया, उनके लिए शैक्षिक अवसर प्रदान करने हेतु इंग्लैण्ड की लेबर पार्टी के कार्यक्रमों का यह एक अभिन्न अंग बन गया। 1966 में ब्रिटेन की सरकार ने एक श्वेत पत्र (White paper) जारी कर पत्राचार शिक्षण संस्थान का नामकरण ‘खुले आकाश का विश्वविद्यालय’ करना चाहा।

(2) योजनाओं के प्रारूप का कार्यान्वयन-

1970 में ब्रिटेन में खुले विश्वविद्यालयों की स्थापना हुई। उसी वर्ष इसमें प्रवेश हेतु चालीस हजार आवेदन पत्र आये किन्तु केवल 25 हजार व्यक्तियों को इसमें शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रवेश दिया गया।

खुले विश्वविद्यालय में सर्वप्रथम समाज विज्ञान, कला, विज्ञान और गणित में बुनियादा या प्रारम्भिक पाठ्यक्रमों का शिक्षण प्रारम्भ किया गया। आयु निवास के स्थान, बुनियादी शैक्षिक स्तर आदि की ओर ध्यान देते हुए इस विश्वविद्यालय में अध्येताओं या छात्रों को प्रवेश दिया जाता है। 1970 में प्रवेश की प्रक्रिया समाप्त होने के पश्चात् पहले पठ्यक्रम का शिक्षण 1971 में प्रारम्भ हुआ। इस वर्ष की परीक्षाओं में जो लोग अनुत्तीर्ण हो गये उन्हें निराश न करते हुए यह सूचना दी गयी कि वे लोग आगामी वर्ष दुबारा जब कि तकनीकी विषयों के भी पाठ्यक्रम चालू किये जायेंगे, प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं। जनवरी, 1971 में खुले विश्वविद्यालय का पहला शैक्षिक कार्यक्रम रेडियो और स्क्रीन पर प्रस्तुत किया गया और क्लकों, किसानों, गृहणियों, शिक्षकों और सिपाहियों तथा अनेक प्रकार के लोगों के समूहों ने इसके छात्र के रूप में अपना अध्ययन प्रारम्भ किया।

पत्राचार के इकाइयों अथवा पाठों को बहुत सावधानी से निर्मित किया गया। विज्ञान के छात्रों के अपने घर पर लघु (Mini) प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए वैज्ञानिक उपकरण भी दिये गये।

(3) खुला विश्वविद्यालय का पाठ्यक्रम, प्रारूप एवं घटक-

खुलं विश्वविद्यालय की लोकप्रियता दिनों दिन बढ़ती गयी और आज 50 हजार विद्यार्थी इसमें पंजीकृत है। यह विभिन्न प्रकार के 100 पाठ्यक्रमों की शिक्षा प्रदान करता है। 10 हजार से अधिक विद्यार्थी अब तक इस विश्वविद्यालय से स्नातक को उपाधि प्राप्त कर चुके हैं और विभिन्न प्रकार के व्यवसायों में लगे हुए हैं। इन विद्यार्थियों ने अपना अध्ययन अपने गृह स्थान पर रहकर किया। इसके शिक्षण का माध्यम पत्राचार, विशेषकर तैयार की गयी पुस्तकें, विशिष्ट रूप से निर्मित टो० वी० और रेडियो कार्यक्रम आदि थे। सभी छात्रों को अनिवार्य रूप से ग्रीष्मकालीन स्कूलों में जो परम्परागत विश्वविद्यालयों के परिसर में लगाये जाते हैं एक सप्ताह के लिए आकर रहना अनिवार्य है।

व्यक्तिगत सम्पर्क और आपस में विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए छात्र अपनी  इच्छानुसार खुले विश्वविद्यालय द्वारा स्थापित स्थानीय केन्द्रों में जा सके हैं। आजकल इस खुले विश्वविद्यालय के पास 13 क्षेत्रीय कार्यालय और लगभग 300 अध्ययन केन्द्र तथा 500 अंशकालिक ट्यूटर एवं ट्यूटर काउन्सलर हैं। प्रत्येक छात्र को पत्राचार ट्यूटर के द्वारा व्यक्तिगत ट्यूशन प्राप्त होता है। प्रत्येक छात्र श्रेणी (Grade) एकत्रित कर श्रेयांक (Credit) प्राप्त करता है।

सामान्य पाठ्यक्रम के लिए उसे 6 और आनर्स पाठ्यक्रम के लिए 8 श्रेयांक अर्जित करने होते हैं। एक सप्ताह में लगभग 10 से 12 घण्टे का 32 सप्ताह तक चलने वाला अध्ययन एक श्रेणी के बराबर होता है। इस विश्वविद्यालय में शैक्षिक सत्र जनवरी से प्रारम्भ होकर दिसम्बर तक चलता है। इस अवधि में छात्रों का सतत् मूल्यांकन चलता रहता है। प्रत्येक छात्र को 6 दत्तकार्य सफलतापूर्वक करने पड़ते हैं जिन्हें उनके ट्यूटर जांचते हैं। सब के अन्त में सभी छात्रों को परीक्षा में बैठना अनिवार्य है। विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम की रचना विश्वविद्यालय के पूर्णकालिक शिक्षक B.B.C. के कार्यक्रम निर्माता (B.B.C. Producers) शैक्षिक तकनीकी विशेषज्ञ और क्षेत्रीय केन्द्रों के पूर्णकालिक कर्मचारी मिलकर करते हैं।

इस टीम को सहायता के लिए कलाकारों, शिक्षकों, चित्रकारों, पुस्तकालय प्रमुखों आदि का समूह रहता है। पाठ्यक्रम निर्माण को यह टोली विभिन्न प्रकार के संचार माध्यमों और विधियों के प्रयोग के विषय में नीति-निर्धारण करते हैं। इस विश्वविद्यालय में पाठ्यक्रम की रचना से लेकर छात्रों के मूल्यांकन एवं उपाधि प्रदान करने तक का संचालन उपरोक्त सभी प्रकार के कार्यकर्त्ता मिल-जुलकर करते हैं।

(4) खुला विश्वविद्यालय : रेडियो और टी० बी० प्रसारण –

खुले विश्वविद्यालय में शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया का संचालन केवल पत्राचार पाठो द्वारा ही नहीं होता अपितु रेडियो और टेलीविजन प्रसारण का भी उपयोग किया जाता है। बी० बी० सी० खुले विश्वविद्यालय के लिए प्रति सप्ताह 30 घण्टे का प्रसारण राष्ट्रीय टी० वी० प्रसारण नेटवर्क (बी० बी० सी०. चैनल-2) पर करता है और उसी प्रकार 30 घण्टे का प्रसारण रेडियो नेटवर्क पर भी करता है। इस कार्य के लिए विश्वविद्यालय बी० बी० सी० को धन देता है। यह धन खुले विश्वविद्यालय को ब्रिटेन की  सरकार द्वारा प्राप्त होता है। बी० बी० सी० ने खुले विश्वविद्यालय के लिए कार्यक्रम निर्माण हेतु विशेष निर्माता इकाई का संगठन किया है। प्रत्येक वर्ष बी० बी० सी० इस विश्वविद्यालय के लिए 300 टी० बी० कार्यक्रम और रेडियो कार्यक्रम निर्मित करता है। प्रत्येक कार्यक्रम 20 से 25 मिनट का होता है। एक कार्यक्रम को प्रसारित करने के बाद उसी सप्ताह छात्रों की सुविधा के लिए पुनः प्रसारित किया जाता है।

(5) खुला विश्वविद्यालय : ट्यूटोरियल एवं परामर्श सेवाएं-

इस खुले विश्वविद्यालय द्वारा 13 क्षेत्रीय कार्यक्रम चलाये जाते हैं। इन कार्यालयों की सीमा क्षेत्र पूरे इंग्लैण्ड को घेरता है। क्षेत्रीय कार्यालय अपने क्षेत्र के छात्रों के लिए पत्राचार के अतिरिक्त अन्य सहायक सेवाओं जैस ट्यूटोरियल और परामर्श सेवाओं आदि का प्रबन्ध करता है। जैसा कि हम जानते हैं कि खुले विश्वविद्यालय में शिक्षण का का मुख्य रूप से पत्राचार द्वारा किया जाता है किन्तु इसके साथ ही  छात्रों द्वारा किये गये दत्त कार्य का मूल्यांकन और उनकी कठिनाइयों को दूर करने के लिए परामर्श देने का कार्य ट्यूटरगण करते हैं। ट्यूटर के द्वारा जाँचे गये दत्त कार्य छात्रों को लौटा दिये जाते हैं अतः इसके द्वारा छात्रों को प्रतिपुष्टि प्राप्त होता है।

पत्राचार एवं दत्त कार्य के मूल्यांकन अतिरिक्त छात्रों को अपनी कठिनाइयों को दूर करने के लिए एवं मार्गदर्शन प्राप्त करने हेतु ट्यूटर से व्यक्तिगत रूप से मिलने का आयोजन भी किया जाता है। छात्रों की सहायता के लिए प्रत्येक तीन सप्ताह के पश्चात ट्यूटोरियल कक्षाओं का आयोजन किया जाता है। इन कक्षाओं में मुख्य रूप से उपचारात्मक शिक्षण प्रदान किया जाता है। प्रत्येक छात्र को परामर्शदाता से सम्बद्ध कर दिया जाता है। परामर्शदाता खुले विश्वविद्यालय में स्थायी प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हुए छात्रों की सहायता में लगा रहता है। इस प्रकार हम देखते हैं कि इस अव्यक्तिक प्रणाली में परमार्शदाता व्यक्तिगत सम्बन्धों का पुट देता है। प्रत्येक छात्र को कम से कम एक सप्ताह तक किसी केन्द्र आयोजित आवासीय विद्यालय में उपस्थित रहना अनिवार्य है।

(6) खुला विश्वविद्यालय : स्थानीय अध्ययन केन्द्र-

छात्रों को सहायता प्रदान करने हेतु खुले विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय कार्यालय स्थानीय अध्ययन केन्द्रों का संचालन करते हैं। इन अध्ययन केन्द्रों पर छात्रों को पुस्तकालय, फिल्म, टेपरिकार्डर, टी० वी० एवं वीडियो आदि की  सुविधा प्रदान की जाती है। इसके अतिरिक्त ट्यूटर और परामर्शदाता की सहायता भी प्राप्त होती है।

विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों को समय का अभाव रहता है। अतः वे अपनी सुविधा के अनुसार इन अध्ययन केन्द्रों से यदा-कदा लाभ उठाते हैं। इन अध्ययन केन्द्रों पर ही छात्रों को ट्यूटर और परामर्शदाता आमने-सामने बैठाकर उनकी समस्याओं का समाधान करते हैं। उन केन्द्रों  में ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है कि छात्र परस्पर मिल सकें, अपनी समस्याओं पर चर्चा कर सकें। इन अध्ययन केन्द्रों का सबसे बड़ा लाभ यह है कि छात्रों के मन में विश्वविद्यालय के प्रति लगाव और अपनत्व की भावना का विकास होता है।

अन्ततः हम कह सकते हैं कि अध्ययन केन्द्र अपने सामाजिक कार्यक्रमों द्वारा छात्रों का मैत्रीपूर्ण वातावरण में सीखने का अवसर प्रदान करता है।

(7) खुला विश्वविद्यालय: अनुसन्धान एवं प्रतिपुष्टि (Open University research and feedback) –

खुले विश्वविद्यालय की शिक्षा प्रणाली में सुधार 1970 में ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एजूकेशन टेक्नोलॉजी’ (Institute of educational technology) की स्थापना की गयी हैं। शैक्षिक तकनीकी विशेषज्ञ इस विश्वविद्यालय के प्रत्येक अंग में सुधार लाने के लिए अनुसंधान का कार्य करते हैं और प्रतिपुष्टि द्वारा सम्बन्धित कार्यकत्ताओं एवं उप प्राणियों की  सहायता एवं मार्गदर्शन करते हैं। ये विशेषज्ञ (1) पाठ्यक्रम की रचना करने, (2) शैक्षिक उद्देश्यों को परिभाषित करने, (3) उपयुक्त संचार माध्यम चुनने, (4) शैक्षिक पाठ एवं अन्य सामग्रियों का निर्माण करने, (5) छात्रों का मूल्यांकन करने और (6) अन्तत: पाठ्यक्रम का मूल्यांकन करने में अपनी विशिष्ट भूमिका निभाते हैं।

अन्नतः हम कह सकते हैं कि खुला विश्वविद्यालय अपनी शिक्षा प्रणाली में छात्रों को सभी प्रकार के पाठ्यक्रमों एवं सभी स्तरों के पाठ्यक्रमों के लिए बहुमाध्यम पैकेज (Multi-media package) प्रदान करते हैं। चूँकि विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए कोई बुनियादी, शैक्षिक योग्यता की आवश्यकता नहीं है अत: इसमें अध्ययनरत छात्र किसी न किसी अर्थ में औपचारिक शिक्षा की  सुविधाओं से वंचित (deprived) एवं शिक्षा ग्रहण करने में अनेक बाधाओं से ग्रसित व्यक्तियों की  श्रेणी में आते हैं। ऐसी आम जनता की शैक्षिक आवश्यकता को पूरा करने वाला यह विश्वविद्यालय सही अर्थों में प्रजातांत्रिक एवं समाजवादी है।

चूँकि समाज के कमजोर और निर्धन वर्ग के लोग अन्य खर्चाले माध्यमों को तुलना में मुद्रित पाठ वस्तुओं और पुस्तकों को अधिक पसन्द करते हैं इसलिए खुला विश्वविद्यालय ऐसी  सामग्रियों का प्रकाशन बहुत बड़ी मात्रा में करता है और आज यह विश्वविद्यालय विश्व का सबसे  बड़ा पुस्तक प्रकाश समझा जाता है। इस प्रकार यह खुला विश्वविद्यालय दूरवर्तो शिक्षा एवं शैक्षिक तकनीकी के क्षेत्र में विश्व के अन्य देशों के लिए एक आदर्श मॉडल के रूप में हमारे सामने है।

(8) खुला विश्वविद्यालय : भारतीय दृश्यावली (Open University : Indian Scenario)-

भारत में सर्वप्रथम खुले विश्वविद्याल की स्थापना आन्ध्र प्रदेश में हुई है। इसका  मुख्यालय हैदराबाद मं अवस्थित है। सन् 1983 से यह कार्यरत है। इसमें भी शिक्षा पत्राचार, सम्पर्क कार्यक्रम, ट्यूटोरियल और दृश्य-श्रव्य सहायक सामग्रियों के माध्यम से दी जाती है। जो भी व्यक्ति 20 वर्ष की आयु का हो गया है इस विश्वविद्यालय में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आवेदन कर सकता है। आन्ध्र प्रदेश के खुलं विश्वविद्यालय को सफलता लोकप्रियता और आम जनता के लिए इसकी उपयुक्तता को ध्यान में रखकर एक और राष्ट्रीय खुले विश्वविद्यालय की स्थापना 1985 में दिल्ली में की गयी और इसका नामकरण स्वर्गीय प्रधानमंत्री इन्दिरा गाँधी के नाम पर किया गया है। इस विश्वविद्यालय का संक्षिप्त परिचयात्मक विवरण यहाँ प्रस्तुत किया जा रहा है।

(9) इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (Indira Gandhi National Open University)- 

भारतीय संसद द्वारा सितम्बर, 1985 में पारित एक एक्ट के अन्तर्गत ‘इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय’ का स्थापना हुई। इसका मुख्यालय नयी दिल्ली में अवस्थित है जिसका पत्राचार पता के-76, हौजखास, नयी दिल्ली- 110016 है। विश्वविद्यालय का निर्धारित एवं घोषित लक्ष्य है-इन सभी व्यक्तियों को उच्च शिक्षा के अवसर परप्रदान करना जो अपनी योग्यता, दक्षता अथवा तत्सम्बन्धी विशेषज्ञता को विकसित करना चाहते है। पत्राचार एवं मुद्रित पाठ्य सामग्रियों के अतिरिक्त सम्प्रेषण सम्बन्धी आधुनिक माध्यमों तथा प्रौद्योगिको का भरपूर उपयोग विश्वविद्यालय द्वारा किया जाता है। विश्वविद्यालय में पंजीकृत छात्र अथवा सम्बद्ध अध्येता अपने समय तथा स्थान सम्बन्धी सुविधाओं के अनुरूप शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।

शिक्षाशास्त्र महत्वपूर्ण लिंक

Disclaimer: sarkariguider.com केवल शिक्षा के उद्देश्य और शिक्षा क्षेत्र के लिए बनाई गयी है। हम सिर्फ Internet पर पहले से उपलब्ध Link और Material provide करते है। यदि किसी भी तरह यह कानून का उल्लंघन करता है या कोई समस्या है तो Please हमे Mail करे- sarkariguider@gmail.com

About the author

Kumud Singh

M.A., B.Ed.

Leave a Comment

(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});
close button
(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});
(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});
error: Content is protected !!