ओवरहेड प्रोजेक्टर का प्रयोग | ओवरहेड प्रोजेक्टर के लाभ
ओवरहेड प्रोजेक्टर का प्रयोग | ओवरहेड प्रोजेक्टर के लाभ
ओवर-हेड प्रोजेक्टर का विशिष्ट प्रयोग-
ओवरहेड प्राजिक्टर का प्रयोग कई विशिष्ट कार्यों के समय किया जाता है। शिक्षक को यदि कोई विशेष गणांकन का काम दर्शाना होता है तो वह इसे गणित के रूप में न दर्शाकर डायग्राम के रूप में दिखाता है।
ओवरहेड प्रोजेक्टर का विशिष्ट प्रयोग विषय-सामग्री को एक के बाद एक खण्ड में करके प्रस्तुत करना है। जो भी सूचना देनी होती है उसे पहले कई भागों में खण्डत कर लिया जाता है। प्रत्येक घटक पर एक ट्रांसपेरेन्सी (Transparency) का निर्माण किया जाता है और फिर प्रत्येक ‘घटकीय ट्रांसपेरेन्सी’ को टेप किया जाता है। मुख्य ट्रांसपेरेन्सी का एक फ्रेम बनाया जाता है और अन्य भागों को फ्रेम के इधर-उधर जोड़ा जाता है। फिर इन घटकों की क्रम संख्या को प्रोजेक्टर की स्टेज पर फिट कर दिया जाता है जिससे कक्षा में सूचना दी जा सकें। उदाहरणार्थ- यदि इतिहास में मुगल शासकों के स्वर्ण युग को दर्शाना है तो इसमें प्रथम शासकों का परिचय, दूसरे घटक में उनकी बनायी गयी इमारतों और फिर तीसरे में उनके समय के साहित्य तथा संगीत आदि को दर्शाया जाता है।
ओवरहेड प्रोजेक्टर के लाभ (Advantage of Over Head Projector) –
आजकल ओवरहेड प्रोजेक्टर एक बहुत ही उपयोगी शिक्षा सहायक सामग्री बन चुकी है। इसके विभिन्न लाभ अग्र प्रकार है-
(1) यह यंत्र अधिक महँगा नहीं होता।
(2) इस यत्र के प्रयोग के लिए अंधेरा कमरा नहीं चाहिए।
(3) शिक्षण के दौरान ही अध्यापक किसी चित्र को बनाकर उसी समय OHP द्वारा परदे पर दिखा सकता है तथा अपना शिक्षण कार्य जारी रख सकता है।
(4) अध्यापक संकेतन (Points) की सहायता से किसी विषय के आवश्यक पक्षों पर विद्यार्थियों का ध्यान आकर्षित एवं केन्द्रित कर सकता है।
(5) इस यंत्र के प्रयोग के लिए अध्यापक द्वारा बनी ट्रांस्पेरेन्सीज (Transparencies) का प्रयोग किया जा सकता है।
(6) कक्षा में प्रस्तुत की जाने वाली सूचना को एक क्रम (Hierarchical Order) में बॉटकर प्रदर्शित किया जा सकता है। इसका उदाहरण है- इतिहास एवं भूगोल के विषय। पहले भारत के नक्शे का रेखाचित्र दिखाकर फिर उसमें खनिजों, उद्योगों आदि को दर्शाया जा सकता है।
(7 ) कई अति सूक्ष्य पदार्थों (Small living organisms) जल में रहने वाले जीव, जिन्हें छोटी डिश (Dish) में रखा जाता है, फूलों के भाग, पत्तियों और तनों आदि को स्क्रीन पर प्रक्षेपित (Project) किया जा सकता है।
(8) ओवरहेड प्रोजेक्टर द्वारा विद्यार्थियों से आमने-सामने सम्पर्क करना सम्भव होता है। अध्यापक विद्यार्थियों के साथ दृष्टि-सम्पर्क (Eye Contact) कर सकता है तथा विद्यार्थी किसी चीज को समझने के लिए अध्यापक के शाब्दिक और अशाब्दिक संकेतों को प्राप्त कर सकता है।
(9) ओवरहेड प्रोजेक्टर द्वारा विद्यार्थियों के ध्यान को केन्द्रित किया जा सकता है।
(10) विद्यार्थी ओवरहेड प्रोजेक्टर द्वारा प्रदर्शित सामग्री के नोट्स अपनी कापी कर ले सकता है।
(11) ओवरहेड प्रोजेक्टर में प्रयोग की जाने वाली ट्रान्सपेरेन्सीज को प्रदर्शित या संशोधित किया जा सकता है। मुख्य बिन्दुओं पर ध्यान केन्द्रित किया जा सकता है। इसके लिए ट्रान्सपेरेन्सी पैन (Transparency Pen) का प्रयोग किया जाता है। ट्रान्सपेरेन्सीज एसीटेट फिल्म पर तैयार की जाती है तथा अध्यापक इन पर चाँक-बोर्ड की तरह लिख सकता है।
(12) इसमें सुराख का आकार बड़ा होता है। अतः इसमें 25 x 25 सेमी. आकार की स्लाइडें भी प्रयोग की जा सकती हैं।
(13) इस ओवरहेड प्रोजेक्टर को अध्यापक की मेज पर ही रखा जा सकता जो चॉक-बोर्ड के निकट ही होता है। OHP के लिए लगाये गये पर्दे को ब्लैक-बोर्ड के रूप में भी प्रयुक्त किया जा सकता है।
(14) ओवरेहेड प्रोजेक्टर आकृति का प्रक्षेपण (Projection) अध्यापक के कन्धे के ऊपर से होता है। अतः वह पढ़ाते समय कक्षा के विद्यार्थियों का स्वाभाविक रूप से सामना कर सकता है। उनकी गतिविधियों पर नजर रख सकता है तथा उनके प्रति अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर सकता है।
(15) रंगीन प्लास्टिक के ऊपर विभिन्न प्रकार की चित्रात्मक सामग्री उभारी जा सकती है तथा फिर से उसे इस उपकरण द्वारा आसानी से प्रक्षीपित (Project) किया जा सकता है। तरल पदार्थों को भी इस ओवरहेड प्रोजेक्टर के प्लेटफार्म पर रखकर पर्दे पर आसानी से प्रक्षेपित किया जा सकता है।
(16) अध्यापक को पर्दे के समीप जाने की आवश्यकता नहीं रहती। वह किसी संकेतक (Pointer) की सहायता से ही प्रक्षेपित सामग्री (Projected Matter) की जानकारी अपने विद्या्थियों को दे सकता है।
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