मानव संसाधन प्रबंधन / Human Resource Management

प्रशिक्षण एवं विकास के लाभ | State Advantages of Training and development in Hindi

प्रशिक्षण एवं विकास के लाभ | State Advantages of Training and development in Hindi

प्रशिक्षण एवं विकास के लाभ

एम. जे. टेसिन (M.J. Tessin) ने प्रशिक्षण एवं विकास से प्राप्त होने वाले लाभ को तीन वर्गों में विभाजित किया है :

(1) संगठन को लाभ (Benefits to organisation)

(2) व्यक्तियों को लाभ (Benefit to individuals)

(3) मानवीय सम्बन्ध एवं समूह के सम्बन्ध में लाभ (Benefits in human relations and group relationship)

(i) संगठन को लाभ (Benefit to Organisation) –

प्रशिक्षण एवं विकास से सबसे अधिक लाभ संगठन को होता है। वैश्विक प्रतियोगिता के युग में संगठन को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। उन चुनौतियों का सामना करने के लिए कुशल, योग्य एवं समर्पित मानव संसाधन की आवश्यकता है। अतः मानव संसाधन का विकास आवश्यक है। प्रायः एक संगठन को प्रशिक्षण एवं विकास से निम्न प्रकार के लाभ किये जा सकते हैं।

  1. संगठन की उत्पादकता, लाभदायकता (Profitability), गुणवत्ता आदि में वृद्धि करने के लिए।
  2. संगठन की श्रम शक्ति के मनोवल को बढ़ाने के लिए।
  3. संगठन के उद्देश्यों व लक्ष्यों के साथ व्यक्तियों की पहचान बनाने में सहायक।
  4. संगठन की छवि व ख्याति के निर्माण में सहायक।
  5. संगठन में उच्चवर्गीय कर्मचारी या पदाधिकारी तथा उनके अधीनस्थों के बीच आपसी सम्बन्ध के निर्माण के लिए।
  6. संगठनात्मक विकास में सहायक
  7. कार्य की रूपरेखा निर्धारित करने में सहायक।
  8. संगठन के लक्ष्यों को समझने एवं उन्हें विकसित करने में सहायक।
  9. संगठन में पदोन्नति के कार्यक्रमों को संचालित करने में सहायक।
  10. संगठन में नेतृत्व की क्षमता, उत्प्रेरणा, उत्तरदायित्व, वफादारी तथा अच्छे दृष्टिकोण विकसित करने में सहायक।
  11. संगठन की लागत, उत्पाद की लागत, मानव संसाधन की लागत को कम करने तथा संगठन को प्रभावशाली बनाने में सहायक।
  12. श्रम प्रवन्ध सम्बन्धों व मानवीय सम्बन्धों को विकसित करने में सहायक।
  13. संगठन के भीतर उपयुक्त वातावरण, अच्छी कार्य संस्कृति आदि के निर्माण करने में सहायक।
  14. संगठनात्मक संवादवाहन (Organisational Communication) के विकास में सहायक।
  15. वैश्विक चुनौतियों का सामना करने, तकनीकी परिवर्तन या अन्य परिवर्तनों के साथ मानव संसाधन को समायोजित करने में सहायक।
  16. संगठन के भीतर संघर्ष, तनाव व दबाव आदि को कम करने व संगठन की प्रभावशीलता को बढ़ाने आदि में प्रशिक्षण व विकास सहायक व लाभदायक है।

(ii) व्यक्तियों को लाभ (Benefits to Individuals)-

प्रशिक्षण का कार्य मानव संसाधन की क्षमता, कार्य कुशलता व व्यक्तित्व विकास का कार्य है। एक कुशल व योग्य मानव संसाधन संगठन का प्राण है। संगठन का प्रत्येक मानव संसाधन प्रशिक्षित व विकसित होगा, तो उससे मानव संसाधन के निजी व्यक्तित्व का विकास होगा और उनके व्यक्तित्व का विकास अन्ततः संगठन के विकास एवं समृद्धि में सहायक साबित होगा। सामान्यतः प्रशिक्षण से एक मानव संसाधन को व्यक्तिगत रूप से निम्न प्रकार से लाभ प्राप्त होते हैं :

  1. व्यक्ति के व्यक्तित्व के विकास में सहायक।
  2. व्यक्ति के निर्णय लेने की क्षमता के विकास में सहायक।
  3. व्यक्ति के गुण, योग्यता, कार्यकुशलता आदि में वृद्धि करना जिससे कि उसकी उत्प्रेरणा बनी रहे और संगठन के लक्ष्य को शीघ्रता से प्राप्त किया जा सके।
  4. व्यक्ति के भीतर जिम्मेदारी वहन करने की क्षमता में विकास।
  5. स्व-विकास (Self-development) तथा स्वाभिमान की वृद्धि में सहायक।
  6. संघर्ष, तनाव, दबाव आदि से लड़ने की शक्ति विकसित करने में सहायक।
  7. संगठन में नेतृत्व की क्षमता का विकास, ज्ञान व कौशल का विकास तथा सकारात्मक दृष्टिकोण में विकास।
  8. कार्य संतुष्टि में वृद्धि तथा एक कुशल व योग्य मानव संसाधन के रूप में अपने को स्थापित करने में सहायक।
  9. संगठन में सीखने की क्षमता व भावना में विकास।
  10. संवादवाहन के विकास के साथ-साथ बोलने, सुनने व लिखने आदि की क्षमता में विकास।
  11. संगठन में अपने को भय मुक्त करना, संगठन की चुनौतियों का सामना करने की क्षमता विकसित करना साथ ही परिवर्तन को आत्मसात करने की क्षमता को विकसित करना।
  12. अपने में नैतिकता व मनोबल को ऊँचा रखना तथा दी जाने वाली जिम्मेदारियों को वहन करना तथा हमेशा नयी-नयी चुनौतियों को संगठन के विकास में स्वीकार करना आदि।

(iii) मानवीय सम्बन्ध व समूह के सम्बन्ध में लाभ (Benefits in human relations and group relations) –

किसी भी संगठन में मानवीय पक्ष महत्वपूर्ण होता है। संगठन के संरचनात्मक ढाँचे के भीतर कई प्रकार के समूह की संरचना होती है और प्रत्येक समूह अपनी-अपनी जिम्मेदारियों का वहन कर संगठन के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक होता है। संगठन के भीतर विभिन्न समूहों के बीच आपसी सम्बन्ध अनिवार्य होते हैं, क्योंकि आपसी सम्बन्धों के आधार पर ही संगठन का विकास व सफलता सम्भव है। प्रशिक्षण निम्न प्रकार से विभिन्न समूहों के बीच सम्बन्ध स्थापित कर लाभ पहुँचाता है :

  1. समूह तथा व्यक्ति के बीच संवादवाहन का विकास करना।
  2. नये कर्मचारियों को कार्य समूहों के बीच उन्मुख करना तथा उन्हें नये कार्य प्रदान करने में सहायता पहुंचाना।
  3. विभिन्न समूहों को समान अवसर प्रदान करना तथा सकारात्मक सहयोग की भावना विकसित करना।
  4. विभिन्न सरकारी नियमों तथा प्रशासनिक नीतियों की सूचना प्राप्त करना व उनका अनुपालन करना।
  5. अन्तव्वैयक्तित्व गुणों का विकास करना।
  6. संगठन की नीतियों, नियमों व परिनियमों का अनुपालन कर उन्हें उपयोगी बनाना।
  7. व्यक्ति तथा संगठन समूह के मनोबल को ऊँचा उठाना।
  8. समूह के अन्तर्गत आपसी सद्भाव व दूसरे समूह के साथ सामूहिक भावना का निर्माण व विकास करना।
  9. आपसी सहयोग के वातावरण का निर्माण करना तथा समूह के सीखने व विकसित करने की प्रवृत्तियाँ विकसित करना।
  10. संगठन, समूह व कार्यस्थल को कार्य जीवन का सबसे अच्छा स्थल बनाने में सहयोग करना तथा कार्य जीवन की गुणवत्ता (Quality of work Life) को विकसित करना आदि।

इस प्रकार स्पष्ट है कि सतत व कार्यरत प्रशिक्षण कार्यक्रम से ही संगठन के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है और विभिन्न प्रकार के लाभ प्राप्त किये जा सकते हैं।

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About the author

Kumud Singh

M.A., B.Ed.

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