विपणन अनुसंधान का क्षेत्र | विपणन अनुसंधान एवं बाजार अनुसंधान में अन्तर | विपणन नियोजन के उद्देश्य
विपणन अनुसंधान का क्षेत्र | विपणन अनुसंधान एवं बाजार अनुसंधान में अन्तर | विपणन नियोजन के उद्देश्य | Marketing Research Areas in Hindi | Difference between marketing research and market research in Hindi | Objectives of marketing planning in Hindi
विपणन अनुसंधान का क्षेत्र
(Scope of Marketing Research)
विपणन अनुसंधान का क्षेत्र बहुत ही व्यापक है। संक्षेप में, विपणन अनुसंधान के क्षेत्र में निम्नलिखित तथ्यों को सम्मिलित किया जा सकता है –
- बाजार का अनुसंधान (Research of Markets) – इसके अन्तर्गत विद्यमान उत्पादों के बाजार का विश्लेषण करके सभी उत्पाद की माँग का पूर्वानुमान लगाया जाता है। जिस बाजार में वह वस्तु बेची जायेगी उसकी क्या-गया विशेषतायें एवं भिन्न-भिन्न प्रकार के बाजारों की लाभप्रदता आदि के विषय में ज्ञान प्राप्त किया जाता है। बाजार अनुसंधान के द्वारा ग्राहकों की संख्या, प्रकृति एवं उनके आर्थिक स्तर की जानकारी की जाती है।
- उत्पादों और सेवाओं का अनुसंधान (Research of Products and Services)- इसके अन्तर्गत यह अध्ययन किया जाता है कि जो उत्पाद या सेवायें संस्था ने ग्राहकों को प्रदान की है, आाहक उन्हें अपनाते हैं या नहीं और यदि अपनाते है तो किस सीमा तक अपनाते हैं। यदि ग्राहक उस उत्पाद या सेवा से असंतुष्ट है तो उसके कारणों का पता लगाया जाता है। इसके अतिरिक्त इसमें प्रतिस्पर्धियों के उत्पादों और सेवाओं का तुलनात्मक अध्ययन करके अपनी उत्पाद या सेवा का मूल्यांकन किया जाता है। इस अनुसंधान के पक्षात उत्पाद और सेवा में सुधार नयी-नयी वस्तुओं का विकास, उत्पाद पंक्ति में सरलीकरण अथवा उत्पाद विशाखन, पैकेजिंग एवं डिजाइन आदि के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण निर्णय लिये जाते हैं।
- विक्रय विधियों और नीतियों का अनुसंधान (Research of Sales Methods and Policies)- इसके अन्तर्गत विक्रय क्षेत्रों की स्थापना या उनमें संशोधन करना, वर्तमान और प्रस्तावित विक्रय विधियों का मूल्यांकन करना तथा प्रतिस्पर्धी कीमत का अध्ययन और वितरण लागत का अध्ययन आदि सम्मिलित हैं। इस अनुसंधान के पश्चात् विपणन नीतियों का निर्धारण किया जाता है।
- विज्ञापन का अनुसंधान (Research of Advertising) – इसके अन्तर्गत विज्ञान की प्रभावशीलता का मूल्यांकन किया जाता है, प्रतिस्पर्धी विपज्ञापन और विक्रय परम्पराओं का विश्लेषण किया जाता है और विज्ञापन माध्यम का चुनाव किया जाता है।
- विविध क्रियाओं का अनुसंधान (Research of Miscellaneous Activities) – इसके अंतर्गत संस्था की उत्पाद या उसकी नीति के सम्बन्ध में जनता, अशंधारियों एवं संस्था के कर्मचारियों के विचारों का अध्ययन किया जाता है। नये बिक्री केन्द्रों और विक्रय शाखाओं की स्थिति का निर्धारण किया जाता है। इसके अतिरिक्त संस्था पर केन्द्रीय, राज्य और स्थानीय सन्नियम के सम्भावित प्रभावों का अध्ययन किया जाता है।
विपणन अनुसंधान एवं बाजार अनुसंधान में अन्तर
(Distinction Between Marketing and Market Research)
अन्तर का आधार |
विपणन अनुसंधान |
बाजार अनुसंधान |
1. परिभाषा |
विपणन अनुसंधान वह प्रक्रिया है जिसके अन्तर्गत विपणन की समस्याओं को पहचानने एवं उनका समाधान करने के लिए उपयोगी सूचनाओं एवं समंको का संकलन, अभिलेखन, विश्लेषण एवं अध्ययन किया जाता है। |
बाजार अनुसंधान वह कार्य है जिसके अन्तर्गत किसी विशिष्ट बाजार में उपभोक्ताओं या किसी विशिष्ट वस्तु के बाजार के सम्बन्ध में सूचनाओं एवं आंकड़ों का संकलन एवं अध्ययन किया जाता है। |
2. अध्ययन के पहलू |
विपणन अनुसंधान में विपणन एवं विपणन वातावरण से सम्बन्धित विविध पहलुओं का अध्ययन किया जाता है। दूसरे शब्दों में, इसमें उपभोक्ता, उत्पाद, विक्रय, वितरण, विज्ञापन, मूल्य निर्धारण जैसे कई पहलुओं का अध्ययन किया जाता है। |
इसमें केवल बाजार के आकार, प्रकृति, वातावरण का अध्ययन किया जाता है। दूसरे शब्दों में, इसमें केवल किसी विशिष्ट बाजार के उपभोक्ताओं या किसी वस्तु आकार, प्रकृति तथा वातावरण का अध्ययन किया जाता है। |
3. क्षेत्र |
इसका क्षेत्र विस्तृत है। इसमें बाजार अनुसंधान भी सम्मिलित है। |
इसका क्षेत्र सीमित है। यह विपणन अनुसंधान का ही अंग है। |
4. प्रक्रिया की प्रकृति |
इसकी प्रक्रिया व्यवस्थित एवं उद्देश्यपरक होती है। |
इसकी प्रक्रिया तुलनात्मक रूप से कम व्यवस्थित होती है। |
5. समस्या का समाधान |
विपणन अनुसंधान के द्वारा विपणन समस्याओं का निदान खोजा जाता है। |
बाजार अनुसंधान के द्वारा केवल एक विशिष्ट बाजार के उपभोक्ताओं के सम्बन्ध में आँकड़ों का संकलन एवं विश्लेषण किया जाता है। |
विपणन नियोजन के उद्देश्य
(Objectives of Marketing Planning)
विपणन नियोजन विपणन प्रबन्ध का मुख्य आधार होता है। विपणन नियोजन का उद्देश्य व्यावसायिक उपक्रम के पूर्व निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए उपलब्ध मानवीय एवं भौतिक साधनों का सदुपयोग करने की योजना बनाना है। किसी भी व्यावसायिक उपक्रम में विपणन नियोजन के निम्नलिखित प्रमुख उद्देश्य होते हैं –
- पूर्वानुमान लगाना- पूर्वानुमान विपणन नियोजन का सार है। वास्तव में विपणन नियोजन का प्रमुख उद्देश्य भावी बिक्री पूर्वानुमान के आधार पर विपणन योजनायें बनाना है।
- भावी कार्यों में निश्चितता लाना- नियोजन के द्वारा विपणन क्रियाओं की भावी गतिविधियों में निश्चितता लाने का प्रयास किया जाता है।
- विशिष्ट दिशा प्रदान करना- विपणन नियोजन विपणन के समस्त कार्यों की रूपरेखा तैयार करके उनको विशिष्ट दिशा प्रदान करता है।
- महत्त्वपूर्ण जानकारी प्रदान करना- विपणन नियोजन के माध्यम से उपक्रम के भीतरी एवं बाहरी व्यक्तियों को उपक्रम के लक्ष्यों तथा उन्हें प्राप्त करने की विधियों के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की जाती है।
- जोखिमों को परखना- विपणन नियोजन के माध्यम से भविष्य के सम्बन्ध में पूर्व कल्पनायें की जाती हैं, परिणामों का पूर्वानुमान लगाया जाता है एवं जोखिमों को परखा जाता है।
- समन्वय स्थापित करना- विपणन नियोजन के माध्यम से विपणन प्रबन्ध की नीतियों, उद्देश्यों, कार्यविधियों एवं कार्यक्रमों में समन्वय स्थापित किया जाता है।
- स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बनाये रखना- विपणन नियोजन की क्रियाओं के परिणामस्वरूप विपणन संगठन में एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का वातावरण बन जाता है।
- स्वस्थ मोर्चाबन्दी- विपणन नियोजन के माध्यम से प्रतिद्वन्द्रियों की योजनाओं का सामना करने के लिए मोर्चाबन्दी की जाती है।
- प्रबन्ध में मितव्ययिता लाना- विपणन नियोजन के द्वारा विपणन की भावी गतिविधियों की योजना बन जाने से प्रबन्ध का ध्यान उन योजनाओं को क्रियान्वित करने की ओर केन्द्रित हो जाता है जिसके फलस्वरूप विपणन क्रियाओं में अपव्यय के स्थान पर नितव्ययिता आती है।
- लक्ष्य प्राप्त करना- विपणन नियोजन का प्रमुख उद्देश्य योजना के अनुसार कार्य करके उपक्रम के लक्ष्यों को प्राप्त करना है।
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