इतिहास / History

बाबरनामा | बाबरनामा में क्या वर्णन किया गया है ?

बाबरनामा | बाबरनामा में क्या वर्णन किया गया है ?

बाबरनामा (टिप्पणी)

संसार में ऐसे कम ग्रन्थ होंगे जिन्हें बाबरनामा के समान प्रसिद्धि प्राप्त है। बाबर के जीवन और शासनकाल को समझने के लिए यह सबसे उपयोगी ग्रन्थ है। यह उसकी आत्मकथा है । लेनपूल के अनुसार, “तुजके बाबरी ही ऐसा ग्रन्थ है जिसमें दी गई सामग्री की पुष्टि की जरूरत नहीं है।” बाबरनामा एक ऐसा दर्पण है जिसमें मित्र एवं शत्रु के सभी रंग-रूप, वेशभूषा आदि अपने प्राकृतिक दृश्य में दृष्टिगत होते हैं । बाबरनामा में बाबर के जीवन, उसके युद्धों, साहित्यिक अभिरुचियों, जीवन और प्रकृति के प्रति उसके ख्यालों का, उसके समय में मध्य एशियाई और भारतीय इतिहास के बाबरकालीन मुगल राज्य, अफगान सरदारों से युद्ध, तत्कालीन भारत के छोटे-छोटे राज्यों एवं राजाओं का विवरण-हिन्दुस्तान के भूगोल, पशु-पक्षियों एवं राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक दशा के महत्व के बारे में पता चलता है।

बाबरनामा की भाषा शैली-

इसकी रचना तुर्की भाषा में की गई। इसमें फारसी और अरबी शब्द मिलते हैं। बाबरनामा के अनुवाद फारसी, हिन्दी और अंग्रेजी में हुए।

बाबरनामा में हिन्दुस्तान का वर्णन-

इसमें सबसे महत्वपूर्ण वर्णन भारत का है। उसने भारत को जैसा देखा उसका वर्णन उसी प्रकार किया है।

बाबर के शब्दों में, यह भारत बहुत ही सुन्दर देश है। अपने देशों की तुलना में यह भिन्न संसार प्रतीत होता है। यहाँ तीन ऋतुयें होती हैं। कहीं भी चौथी ऋतु नहीं होती। यहां की पहाड़ियों और मैदान, नदियाँ और वन, पशु और पौधे, निवासी और उनकी भाषाएँ यहां की वायु एवं वर्षा सभी भिन्न प्रकार के है । सिन्धु नदी को पार करते ही इस देश के वृक्षों और पत्थरों, घुमक्कड़ लोगों, उनके शिष्टाचार एवं रौति-रिवाज, बिल्कुल हिन्दुस्तानी हैं। परन्तु काबुल की तुलना में यह देश उसे सुन्दर नहीं लगता है, क्योंकि उसने इसे दूर से ही देखा। वह लिखता है कि हिन्दुस्तान बहुत कम आकर्षक देश है। यहाँ के निवासी सुन्दर नहीं हैं। वे सामाजिक मेलजोल और रीति-रिवाजों को नहीं मानते । वे एक-दूसरे के यहाँ आते-जाते नहीं, वे प्रतिभावान और योग्य हैं। वे व्यवहार में शून्य है तथा उनकी हस्तकला में किसी प्रकार का साम्य या एकरूपता नहीं है। न ही उनमें श्रेष्ठ गुण हैं। यहाँ अच्छे अंगूर, तरबूज या प्रथम श्रेणी के फल नहीं है। न ही यहाँ बर्फ या ठण्डा पानी और न ही अच्छी चपातियाँ या पका हुआ खाना बाजारों में मिलता है, न तो यहाँ गरम पानी के हम्माम हैं, न ही विश्वविद्यालय या.मोमबत्तियाँ और मशालें हैं।”

यहाँ के नगर व प्रान्त एक जैसे हैं। यहाँ बगीचे के आसपास अहाते नहीं हैं। वर्षा के दिनों में यहाँ की नदियाँ बड़े वेग से बहती हैं और तेज धाराएँ किनारों को काटती हैं। किसान और निम्न वर्ग के लोग नंगे रहते हैं। वे लँगोटे बांधते हैं।

हिन्दुस्तान की उत्तम विशेषता यह है कि यह एक विशाल देश है। यहाँ सोना-चाँदी बहुतायत से मिलता है।

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About the author

Kumud Singh

M.A., B.Ed.

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