राजनीति विज्ञान / Political Science

वार्सा समझौता – 1955-91 | WARSAW PACT in Hindi

वार्सा समझौता – 1955-91 | WARSAW PACT in Hindi

वार्सा समझौता वास्तव में (भूतपूर्व) सोवियत संघ द्वारा नाटो तथा विश्व राजनीति में दूसरे पश्चिमी समझौतों के विरुद्ध जवाबी समझौता था। यह क्षेत्रीय व्यवस्था के क्षेत्र में अपेक्षाकृत देर से होने वाला समझौता था चाहे सोवियत संघ इस तरह के किसी भी समझौते के बारे में 1949 से ही सोच रहा था। 1955 में पश्चिमी जर्मनी के नाटो में प्रवेश ने सोवियत संघ समर्थक सभी समाजवादी राष्ट्रों के बीच इस तरह के समझौते के लिए तात्कालिक पृष्ठ-भूमि तैयार कर दी।

सन्धि (The Treaty) : 11 मई, 1955 से लेकर 14 मई, 1955 तक सोवियत संघ, पोलैंड, पूर्व जर्मनी, चैकोसलोवाकिया, हेंगरी, बुल्गारिया, रूमानिया तथा एलबानिया-सभी वार्सा में मिले तथा सबने मिलकर मैत्री सहयोग तथा परस्पर सहायता की एक सन्धि की, जिसे प्रायः वार्सा समझौता कहा गया है। यह नाटो के साम्यवादी प्रतिद्वन्द्वी के रूप में स्थापित हुआ।

उद्देश्य (Objectives) : वार्सा समझौते की धाराएं, उत्तरी एटलांटिक सन्धि की धाराओं के बहुत समान थीं। इसमें भी संयुक्त राष्ट्र के चार्टर, शांतिपूर्ण साधनों, अन्तर्राष्ट्रीय शांति तथा परस्पर सहायता प्राप्ति और परस्पर परामर्श तथा सुरक्षा के लिए सामूहिक प्रतिक्रिया में विश्वास प्रकट किया गया था। इस समझौते के अनुच्छेद 4 में लिखा गया, “यूरोप में इस सन्धि के एक या एक से अधिक सदस्यों के विरुद्ध एक या अधिक राज्यों द्वारा सशस्त्र आक्रमण की स्थिति में, सन्धि का प्रत्येक सदस्य राज्य, व्यक्तिगत या सामूहिक आत्म रक्षा के अधिकार के प्रयोग के लिए ऐसे आक्रमण के शिकार राज्य या राज्यों को व्यक्तिगत या सन्धि के सदस्यों के साथ मिलकर प्रत्येक तरह के साधनों से, जो आवश्यक समझे जाएंगे यहां तक कि सशस्त्र सेना के प्रयोग तक की सहायता देंगे। सदस्य राज्यों से यह आशा की जाती है कि वे अन्तर्राष्ट्रीय शांति तथा सुरक्षा को बनाए रखने के लिए तत्काल ही संयुक्त उपाय करेंगे। “

संगठनात्मक ढांचा (Organizational Structure) : वार्सा समझौते में सदस्य राज्यों की सशस्त्र सेनाओं की एक संयुक्त कमांड को स्थापित करने की बात कही गई थी। संयुक्त कमांड के अन्तर्गत सदस्यों से यह आशा की जाती थी कि वे अपनी प्रतिरक्षा को सुदृढ़ करने, अपने लोगों के शांतिपूर्ण कठिन प्रयत्नों को सुरक्षित करने तथा अपनेअपने भू-क्षेत्र की अखण्डता को बनाए रखने तथा बाहर से सम्भावित आक्रमणों का सामना करने के लिए सभी प्रकार के आवश्यक कदम उठाएंगे। अपने प्रयत्नों तथा पारस्परिक परामर्श में सामअ्जस्य स्थापित करने के लिए सभी राज्यों के प्रतिनिधियों की एक राजनीतिक सलाहकार कर्मटी (Political Consultative Committee) बनाई जाएगी। यदि आवश्यक हो तो सलाहकार समिति को एक सहायक अंग स्थापित करने का अधिकार प्राप्त होगा। मास्को को इस संगठित कमान तथा वार्सा संगठन का मुख्यालय बनाया गया था।

वार्सा समझौता 1955 से 1990 के मध्य सोवियत गुट की मुख्य एकीकृत सन्धि बना रहा। रूस में प्रैस्ट्रोइका तथा ग्लैसनोस्ट के आ जाने तथा पूर्वी यूरोपीय साम्यवादी राज्यों पर इसका जो प्रभाव पड़ा, उसने 1989-90 के बीच यूरोप के सभी साम्यवादी राज्यों में क्रांतिकारी परिवर्तन ला दिए। इन्होंने वार्सा समझौते को अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों के बदलते वातावरण में नकारा कर दिया। 25 फरवरी, 1991 को औपचारिक रूप में वार्सा समझौते को समाप्त करने का निर्णय लिया गया, जो 1 अप्रैल, 1991 से लागू हो गया।

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About the author

Kumud Singh

M.A., B.Ed.

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