मृदा नमी की आवश्यकता एवं महत्व

मृदा नमी की आवश्यकता एवं महत्व | Need and Importance of Soil Moisture in Hindi

मृदा नमी की आवश्यकता एवं महत्व | Need and Importance of Soil Moisture in Hindi

मृदा नमी की आवश्यकता एवं महत्व- मृदा जल या नमी का जीव जगत एवं पादप जगत के लिए विशेष तौर पर आवश्यकता होती है। जैवसमुदाय की विविधता एवं विशेषता मृदा नमी के परिवर्तनशील गुणों से निश्चित होती है। मानव जीवन एक तरफ जैव समुदाय पर निर्भर करता है तो दूसरी तरफ उसका सीधा सम्बन्ध मृदा नमी से है। अतः मृदा में नमी संचयन प्राणी वर्ग के हित में है। मृदा जल (नमी) का महत्व अनेक रूपों में है। मृदा के अन्तर्गत होने वाली रसायनिक क्रिया उसका गुण एवं जीवों के सम्पूर्ण जीवन को प्रभावित करने वाले अनेक कारकों में जल का स्थान विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। मृदा नमी दो विभिन्न रूपों में महत्वपूर्ण मानी जाती है।

(I) मृदा क्रियाओं के लिए नमी का महत्व (Importance of Moisture for Soil Prmcessing):

चट्टानों के विघटन से लेकर मृदा के विकास एवं उपयोग तक की समस्त अभिक्रियाएं मृदा नमी पर आधारित है। नमी के अभाव में न तो चट्टानों द्वारा मृदा का निर्माण सम्भव है और न ही मृदा का उपयोग । संक्षेप में मृदा के अन्तर्गत नमी निम्नलिखित प्रक्रमों के लिए आवश्यक है।

  1. चट्टानों के भौतिक, रसायनिक एवं जैविक अपक्षय
  2. मृदा के मूल पदार्थों का निर्माण
  3. मृदा के मूल पदार्थों का परिवहन
  4. मृदा पाश्श्विका का निर्माण एवं विकास
  5. मृदा संरचना में विकास एवं सुधार
  6. मृदा का रंग
  7. मृदा की तापमान संधारण
  8. अम्लीय एवं क्षारीय मृदाओं का निर्माण एवं सुधार
  9. मृदा कार्बनिक पदार्थों का अपघटन एवं ह्यूमस का निर्माण
  10. मृदा जीवाणुओं का विकास एवं सक्रियता
  11. मृदा घोल का निर्माण तथा धनायन विनिमय
  12. मृदा कोलाइड का निर्माण एवं कार्य

(II) वनस्पतियों के लिए मृदा नमी का महत्व (Importance of Soil Moisture for Vegetation):

पेड़ पौधों के लिए मृदा नमी का विशेष महत्व है क्योंकि उनका सम्पूर्ण जीवन चक्र मृदा नमी के आधार पर ही नियंत्रित होता है। वनस्पतियों के लिए मृदा नमी को उपयोगिता का उल्लेख इस प्रकार कर सकते है।

  1. जल या नमी पौधों के लिए आवश्यक पोषक तत्वों के घोलक एवं वाहक का कार्य करता है।
  2. मुदा जल प्रोटोप्लाज्म का आवश्यक अंग है अन्य प्रकार के अवयव अणु अवस्था में मृदा जल के अन्तर्गत विसरित होते हैं।
  3. यह प्रोटोप्लाज्म की भौतिक अवस्था को बनाये रखता है। इसके द्वारा प्रोटोप्लाज्म का परिसारक दाब नियन्त्रित होता है जिसके आधार पर पौधे मृदा से विलयन के रूप में योषक तत्वों को ग्रहण करते है।
  4. पौधों में होने वाली जल विश्लेषण अभिक्रियाओं के लिए आवश्यक है।
  5. यह वनस्पतियों का मुख्य अवयव है और पौधों को H एवं O की प्राप्ति का स्रोत है।
  6. सरल तत्वों एवं अवयवों के संयोग से बनने वाले संकीर्ण अवयवों के निर्माण में जल या नमी आवश्यक अवयव है।
  7. प्रकाश संश्लेषण प्रक्रम जो एक महत्वपूर्ण प्रक्रम है, मृदा नमी पर ही आधारित होता है।
  8. वाष्पन, वाष्पोत्सर्जन, तापनियन्त्रण, कोशास्फीति इत्यादि के लिए जल आवश्यक है।
  9. सूक्ष्म जीवाणुओं की वृद्धि, विकास एवं क्रियाशीलता मृदा नमी पर निर्भर करती है।

 

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