शैक्षिक तकनीकी / Educational Technology

कम्प्यूटर एक परिचय | कम्प्यूटर सिस्टम के अंग | कम्प्यूटर की परिभाषा | कम्प्यूटर के लाभ

कम्प्यूटर एक परिचय | कम्प्यूटर सिस्टम के अंग | कम्प्यूटर की परिभाषा | कम्प्यूटर के लाभ | An Introduction to Computers in Hindi | Computer System Parts in Hindi | Definition of computer in Hindi | Advantages of Computer in Hindi

कम्प्यूटर एक परिचय (An Introduction of Computer) —

मुख्यतः हमारी सभ्यता में समय-समय पर अनेक आविष्कार हुए, जिनके कारण समाज में विभिन्न परिवर्तन आये। 18 वीं शताब्दी में आयी औद्योगिक क्रान्ति (Industrial Revolution) ने दुनिया का नक्शा ही बदल दिया। 19 वीं शताब्दी में एक नयी, आयी, जिसका नाम था “सूचना प्रोद्योगिकी क्रान्ति” (Information Technology Revolution) इस क्रान्ति ने मानव समाज का काम करने सोचने एवं रहने का तरीका ही बदल कर रख दिया। इस क्रान्ति का आधार था ‘कम्प्यूटर’ (Computer) ।

प्रारम्भ में कम्प्यूटर अत्यधिक महँगा एवं दुर्लभ उपकरण था, जिसे केवल अनुसन्धान केन्द्रों एवं प्रयोगशालाओं में वैज्ञानिकों एवं गणितज्ञों द्वारा प्रयोग में लाया जाता था। यह आकार में भी बहुत बड़ा होता था। किन्तु धीरे-धीरे कम्प्यूटर तकनीक में समयानुसार सुधार हुआ, जिससे इसका आकार छोटा एवं उपयोग करना सरल हो गया। आधुनिक समय में इसका प्रयोग व्यापारिक केन्द्रों, दुकानों, दफ्तरों, घरों तथा विद्यालयों आदि सभी स्थानों पर होने लगा है। आज इसके द्वारा बड़ी- से बड़ी गणनाओं के साथ छोटे-से छोटे कार्यों को भी किया जा रहा है।

कम्प्यूटर अंग्रेजी भाषा के ‘कम्प्यूटर’ (Computer) शब्द से बना से बना है, जिसका अर्थ होता है ‘गणना करने वाला’ हिन्दी भाषा में कम्प्यूटर को ‘संगणक’ कहते हैं। प्रारम्भ कम्प्यूटर का प्रयोग सिर्फ गणना करने के लिये ही होता था, किन्तु आज प्रयोग प्रत्येक क्षेत्र में हो रहा है जैसे- दस्तावेज बनाने में, बहीखाता व्यवस्थित करनें में, कार, रेल, वायुयान आदि संचालन करने में एवं चित्र आदि बनाने में।

कम्प्यूटर की परिभाषा (Definition of Computer)–

“कम्प्यूटर एक ऐसी इइलेक्ट्रॉनि एवं यान्त्रिक भागों (Part) से मिलकर बनी मशीन अथवा युक्ति (Device) है, जो प्रयोगकर्ता (User) से डाटा ग्रहण करके प्रयोगकर्ता की इच्छानुसार उस पर विभिन्न क्रियाएँ करती है एवं इससे प्राप्त परिणाम को व्यवस्थित रूप में प्रयोगकर्ता को देती है।”

कम्प्यूटर सिस्टम के अंग

(Parts of Computer System)

एक कम्प्यूटर सिस्टस में निम्ननिखित पाँच प्रमुख अंग होते हैं-

(1) कम्प्यूटर डाटा (Computer Data)

(2) कम्प्यूटर हार्डवेयर (Computer H W)

(3) कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर (Computer SW)

(4) कम्प्यूटर के व्यक्ति (Computer’s People)

(5) गाइडलाइन्स एवं विधियाँ (Guidelines and Procedures Method)

  1. कम्प्यूटर डाटा (Computer Data) – कम्प्यूटर को दी जाने वाली, कोई भी सूचना या जानकारी को कम्प्यूटर डाटा कहा जाता है। यह सूचना सही या गलत, पूर्ण या अपूर्ण, व्यवस्थित या अव्यवस्थित हो सकती है। कम्प्यूटर को दिये जाने वाले आँकड़े या तथ्य भी डाटा ही होते हैं। डाटा विभिन्न रूप में हो सकता है-

(i) शाब्दिक डाटा- दस्तावेज, रिकार्ड तथा फाइल आदि।

(ii) सांख्यिक डाटा- 8,948,38497 आदि।

(iii) चित्र (Image)- फोटोग्राफ, नक्शे, चित्र तथा ग्राफ आदि।

(iv) ध्वनि या आवाज (Sound or Voice) गीत, आवाज एवं ध्वनियाँ आदि।

कम्प्यूटर द्वारा ग्रहण किया डाटा इनपुट डाटा कहलाता है। इसके साथ ही प्रयोगकर्ता को परिणामस्वरूप दिये जाने वाले उपयोगी आउटपुट डाटा इनफॉर्मेशन (Information) भी कहलाता है।

8×5 (इनपुट डाटा)

S×5=40 (प्रोसेसिंग)

40 (आउटपुट डाटा)

कम्प्यूटर द्वारा इनपुट डाटा या उसमें संग्रहित डाटा पर जो ऑपरेशन किये जाते हैं, उन्हें डाटा की प्रोसेसिंग कहते हैं।

  1. कम्प्यूटर हार्डवेयर (Computer Hardware)- कम्प्यूटर सिस्टम के सभी विभिन मशीनरी भाग उसके हार्डवेयर कहलाते हैं। इन विभिन्न भागों से कम्प्यूटर सिस्टम का निर्माण होता है, जैसे-की-बोर्ड, प्रोसेसर, प्लग, केबल, चिप, मॉनीटर, माउस तथा सी.डी. रोम आदि।
  2. कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर (Computer Software)- कम्प्यूटर हार्डवेयर का संचालन एवं नियन्त्रण सॉफ्टवेयर द्वारा ही किया जाता है। निर्देश का समूह प्रोग्राम कहलाता है। एवं कम्प्यूटर प्रोग्रामों के समूह को कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर कहते हैं।

एक कम्प्यूटर निर्देश द्वारा कम्प्यूटर को यह बताया जाता है कि उसे कौन-सा कार्य करना है? निर्देश के बिना कम्प्यूटर कोई कार्य नहीं कर सकता। यह कम्प्यूटर को बताते हैं कि कौन-सा कार्य कैसे करना है? जैसे-5 एवं 8 का गुणा करो-(5×8)

कम्प्यूटर के व्यक्ति (Computer’s People) –

कम्प्यूटर सिस्टम के साथ मुख्य रूप से दो व्यक्ति जुड़े रहते हैं। जिनके बिना कम्प्यूटर कार्य नहीं कर सकता, वह निम्नलिखित हैं-

(i) प्रयोगकर्त्ता (User)- वह व्यक्ति कम्प्यूटर से कार्य कराता है। यह डाटा इनपुट करता है, किसी विशेष ऑपरेशन के लिये प्रार्थना (Request) करता है एवं आउटपुट डाटा प्राप्त करता है। इस प्राकर से कम्प्यूटर को प्रयोग करने वाला प्रयोगकर्ता या कम्प्यूटर ऑपरेटर कहलाता है।

(ii) कम्प्यूटर प्रोग्रामर (Computer Programmer)- कम्प्यूटर निर्देशों को लिखने वाले व्यक्ति का कम्प्यूटर प्रोग्रामर कहा जाता है। इसके द्वारा ही प्रयोगकर्ता के लिये प्रोग्रामों को लिखा जाता है।

  1. गाइडलाइन्स एवं विधियाँ (Guidelines and Procedures Method)- कम्प्यूटर सिस्टम पर कार्य करने वाले व्यक्तियों के पास लिखित या अन्य रूप में कम्प्यूटर सिस्टम के बारे में जानकारी होनी आवश्यक है: जैसे-जिस कार्य को किया जा रहा है। वह कैसे पूर्ण होगा? कम्प्यूटर की विभिन्न युक्तियाँ क्या-क्या एवं कैसे कार्य करती हैं? इसके अतिरिक्त प्रयोगकर्ता द्वारा प्रयुक्त किये जा रहे सॉफ्टवेयर की जानकारी एवं सम्बन्धित गाइडलाइन का होना भी आवश्यक है।

कम्प्यूटर के लाभ

(Advantages of Computer)

कम्प्यूटर के बहुत से गुण हैं, उनमें से कुछ प्रमुख गुण निम्नलिखित हैं-

  1. शुद्धता (Accuracy)- कम्प्यूटर द्वारा किया गया कोई भी कार्य त्रुटिहीन होता है। उसके परिणाम पूर्णतः सही एवं शुद्ध होते हैं। लेकिन इसके लिये प्रयोगकर्ता द्वारा दिये गये डाटा एवं निर्देशों का सही होना आवश्यक है।
  2. गति (Speed) – कम्प्यूटर द्वारा किये गये कार्य की गति अत्यधिक तेज होती है। इसके द्वारा जटिल से जटिल गणनाओं को सेकण्ड से भी कम समय में पूर्ण किया जा सकता है। कम्प्यूटर की गति उसके प्रकार एवं कार्य के प्रकार पर निर्भर करती है।
  3. व्यापक उपयोगिता (Wide Utility)- कम्प्यूटर द्वारा एक साथ विभिन्न कार्यों को सम्पूर्ण किया जा सकता है, जैसे-पत्र टाइप करना, दस्तावेज प्रिन्ट करना एवं गणनाएँ करना। एक ही कम्प्यूटर पर भिन्न-भिन्न प्रकार के कार्यों को पूर्ण किया जा सकता है।
  4. विस्तृत स्मृति (Large Memory)- कम्प्यूटर के पास तीव्र स्मरण शक्ति होती है। वह बहुत सारा डाटा एक साथ मेमोरी में संग्रहित कर सकता है। एवं इसमें संग्रहित (Store) डाटा या जानकारी तभी नष्ट होती है, जब आप इसे समाप्त करते हैं।
  5. लगातार कार्य करने की क्षमता (Diligence)- कम्प्यूटर बिना थके एवं बिना रुके अपने सभी कार्यों को समान गति से निरन्तर कर सकता है।
  6. गोपनीयता एवं विश्वसनीयता (Confidentiality and Reliability)- कम्प्यूटर द्वीय किसी कार्य को गोपनीय भी रखा जा सकता है। इसके द्वारा दिये गये परिणाम बहुत ही विश्वसनीय होते हैं।
  7. निष्पक्षकर्त्ता (Unbiased Working)- कम्प्यूटर द्वारा सभी कार्यों को समान गति से किया जाता है। चाहे वह किसी भी प्रयोगकर्ता का कार्य हो । अर्थात् कम्प्यूटर द्वारा सभी के कार्यों को निष्पक्षता से किया जाता है।
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About the author

Kumud Singh

M.A., B.Ed.

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