वाष्पीकरण नियन्त्रण | Evaporation Control in Hindi
वाष्पीकरण नियन्त्रण | Evaporation Control in Hindi
वाष्पीकरण नियन्त्रण (Evaporation Control)
जलीय सतह एवं मृदा सतह से होने वाले वाष्पीकरण का पूर्ण नियन्त्रण सम्भव नहीं है। कतिपय विधियों से वाष्पन की मात्रा को कम किया जा सकता है। वाष्पीकरण नियन्त्रण जल संरक्षण का महत्वपूर्ण अंग है। शुष्क जलवायु वाले भागों में वाष्पीकरण नियन्त्रण आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है। कुछ निश्चित दशाओं में जल भण्डारण की अपेक्षा वाष्पीकरण नियन्त्रण पर कम खर्च होता है। वाष्पीकरण नियन्त्रण अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग विधियों से किया जाता है।
(I) जलीय सतह से वार्पीकरण नियन्त्रण (Evaporation Control from Water Surface) :
- जंलीय सतह से वाष्पीकरण नियन्त्रण हेतु निम्नलिखित बातें ध्यान देने योग्य हैं।
- जलाशय छिछला न होकर गहरा हो।
- जलाशय का जलाधिग्रहण क्षेत्र अपेक्षाकृत कम किया जाय।
- जलाशय का क्षेत्रफल भण्डारण की तुलना में न्यूनतम हो।
- जल को भूमि के नीचे संचित किया जाय ।
- छोटे एवं कई जलाशयों में जल एकत्रण की अपेक्षा किसी एक एवं बड़े जलाशय में किया जाय।
- जलाशय के लिए उपयुक्त स्थल का चुनाव किया जाय।
- नदी या जल शाखा को सीधा बनाकर जलीय क्षेत्रफल एवं वाष्पीकरण को कम किया जा सकता है।
- छोटे जलाशयों के ऊपर छत या तैरता बेड़ा का प्रयोग किया जाय।
- जलग्राही पौधों को नष्ट कर दिया जाय।
- जलाशय के ऊपर तेल या सीटिल अल्कोहल का छिड़काव कर दिया जाय।
(II) मिट्टी से होने वाले वाष्पीकरण का नियन्त्रण (Evaporation Control from Soil) :
- मिट्टी की जुताई (Dust mulch) से जल अवशोषण अधिक होगा, करणों की दूरी तथा कैपिलरी राइज कम होगी तथा वाष्पीकरण भी कम होगा।
- पेपर से ढककर (Paper mulch) वाष्पीकरण कम किया जा सकता है।
- मिट्टी के साथ पाली इलेक्ट्रोलाइट जैसे रसायन मिलाकर वाष्पन नियन्त्रण हो सकता है।
- पेबुल मल्च (Pebble mulch) क्रिया द्वारा भी वाष्पीकरण नियन्त्रण हो सकता है। ऐसी क्रिया सर्वप्रथम चीन में प्रयोग में लायी गयी।
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