डॉ० धर्मवीर भारती (Dharamvir Bharati)

डॉ० धर्मवीर भारती (Dharamvir Bharati)
जीवन-परिचय
आधुनिक हिन्दी के सशक्त कथाकार एवं ललित निबन्धकार डॉ० धर्मवीर भारती का जन्म इलाहाबाद में 25 दिसम्बर, 1926 ई० को हुआ था। इन्होंने प्रयाग विश्वविद्यालय से हिन्दी में एम० ए० करने के पश्चात् पी-एच० डी० की उपाधि प्राप्त की। कुछ समय तक प्रयाग से निकलने वाले साप्ताहिक हिन्दी पत्र ‘संगम’ का सम्पादन किया तथा कुछ वर्षों तक प्रयाग विश्वविद्यालय में हिन्दी के अध्यापक भी रहे। 1958 ई० में वे मुम्बई से प्रकाशित होनेवाले प्रसिद्ध साप्ताहिक पत्र ‘धर्मयुग’ के सम्पादक हो गये। पत्रकारिता के प्रयोजन से आपने देश-विदेश का भ्रमण भी किया है। भारत सरकार ने 1972 ई० में उनकी हिन्दी-सेवाओं एवं हिन्दी पत्रकारिता के लिए ‘पद्मश्री’ से अलंकृत कर सम्मानित किया। उन्होंने ‘धर्मयुग’ पत्रिका का सफलतापूर्वक सम्पादन किया। हिन्दी के यशस्वी साहित्यकार एवं अंधायुग’ एवं ‘गुनाहों का देवता’ जैसी लोकप्रिय पुस्तकों के प्रणेता डॉ० धर्मवीर भारती का निधन 4 सितम्बर, 1997 ई० को हो गया।
रचनाएँ
भारती जी की प्रतिभा बहुमुखी थी। इन्होंने कविता, नाटक, उपन्यास, कहानी आदि सभी कुछ लिखा है। इनकी रचनाएँ निम्न हैं-
काव्य– ‘ठंडा लोहा’, ‘कनुप्रिया’, ‘सात गीत वर्ष’ और ‘अंधा युग’।
- निबन्ध-संग्रह- ‘कहानी-अनकहनी’, ‘ठेले पर हिमालय’ और ‘पश्यन्ती’ आदि।
- उपन्यास- ‘गुनाहों का देवता’ और ‘सूरज का सातवाँ घोड़ा’।
- नाटक और एकांकी संग्रह- ‘नदी प्यासी थी’, ‘नीली झील’।
- कहानी-संग्रह- ‘चाँद और टूटे हुए लोग’।
- आलोचना- ‘मानव मूल्य और साहित्य’ ।
- सम्पादन- ‘संगम’ और धर्मयुग’।
- अनुवाद- ‘देशान्तर’।
भाषा
भारती जी की भाषा शुद्ध तथा परिमार्जित खड़ीबोली है । नवीन शिल्प के प्रतिनिधि लेखक होने के नाते ये भावों को प्रकट करने के लिए किसी विशेष भाषा-शैली का मुँह नहीं ताकते। अत: इनकी भाषा में संस्कृत ( मूर्ति, स्तब्ध, सहयोगी आदि), अंग्रेजी ( कैमरा, अकादमी, थर्मस, शेड आदि), उर्दू (खासा, दिलचस्प, यकीन, गुंजाइश आदि) के प्रचलित शब्दों तथा देशज शब्दों और मुहावरों (शैतान की आँख, चाँद-तारों से बात करना) आदि का खुलकर प्रयोग हुआ है।
साहित्यिक विशेषताएँ
डॉ० धर्मवीर भारती एक प्रतिभाशाली कवि, कथाकार, नाटककार एवं ललित निबन्धकार थे। इनकी कविताओं में रागतत्त्व, कहानियों और उपन्यासों में सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक समस्याओं को लेकर बड़े जीवन्त चरित्र प्रस्तुत किये गये हैं । डॉ० भारती में किसी भी दृश्य को शब्दों की सीमा में बाँधकर उसमें चित्रमयता प्रदान करने की अद्भुत क्षमता थी। समय- समय पर आपने जो संस्मरण, रेखाचित्र तथा ललित निबन्ध लिखे थे उनके माध्यम से हिन्दी में एक प्रयोग के संकेंत मिलते हैं। इन्होंने अन्य भाषाओं की कुछ प्रसिद्ध रचनाओं के भी अनुवाद प्रस्तुत किये हैं ।
भाषा और शैली
डॉ० भारती की भाषा अत्यन्त ही सरल, स्वाभाविक एवं प्रवाहपूर्ण है। उसमें विचारों की अभिव्यक्ति की अद्भुत क्षमता होने के साथ-साथ मधुर काव्यमयता है। भाषा ओज और प्रसाद गुणों से सम्पन्न है । लाक्षणिकता एवं व्यंग्य पुटों से भाषा और भी जीवन्त हो गयी है। डॉ० पभारती की भाषा में देशज और अंग्रेजी- उर्दू आदि भाषाओं के शब्दों को हिन्दी में प्रयोग कर उन्हें पचा लेने की अद्भुत क्षमता थी। डॉ० भारती के गद्य की शैली वर्णनात्मक और विवरणात्मक दोनों प्रकार की हैं। संस्मरण, रेखाचित्र तथा यात्रा-विवरणों में विवरणात्मक शैली का प्रयोग हुआ है। रिपोर्ताज में वर्णनात्मक शैली प्रयुक्त हुई है। उक्त सभी विधाओं में आत्मव्यंजक शैली भी प्रयोग में लायी गयी है।
स्मरणीय तथ्य
जन्म– दिसम्बर, 1926 ई० ।
मृत्यु- 4 सितम्बर, 1997 ई०।
जन्म-स्थान- इलाहाबाद (उ० प्र०)।
शिक्षा- प्रयाग में प्रयाग विश्वविद्यालय से पी-एच०डी० की उपाधि।
रचनाएँ-काव्य- ‘ठण्डा लोहा’, ‘कनुप्रिया’, ‘सात गीत वर्ष “और ‘अन्धायुग’।
कहानी संग्रह- चाँद और टूटे हुए लोग।
नाटक- नदी प्यासी थी, नीली झील (एकांकी संग्रह) ।
उपन्यास- ‘गुनाहों का देवता’ और ‘सूरज का सातवाँ घोड़ा ‘।
समीक्षा-साहित्य- मानव मूल्य और साहित्य।
सम्पादन- संगम’ और ‘धर्मयुग’।
साहित्य-सेवा- कवि के रूप में, गद्य लेखक के रूप में एवं सम्पादक के रूप में।
भाषा- शुद्ध परिमार्जित खड़ीबोली। संस्कृत, अंग्रेजी, उर्दू के प्रचलित शब्दों का प्रयोग ।
शैली- विषयानुकूल, शैली में पर्याप्त विविधता ।
अलंकार योजना- उपमा, मानवीकरण, रूपक तथा रूपकातिशयोक्ति।
महत्वपूर्ण लिंक
- भारतीय संविधान की विशेषताएँ
- जेट प्रवाह (Jet Streams)
- चट्टानों के प्रकार
- भारतीय जलवायु की प्रमुख विशेषताएँ (SALIENT FEATURES)
- Indian Citizenship
- अभिभावक शिक्षक संघ (PTA meeting in hindi)
- कम्प्यूटर का इतिहास (History of Computer)
- कम्प्यूटर की पीढ़ियाँ (Generations of Computer)
- कम्प्यूटर्स के प्रकार (Types of Computers )
- अमेरिका की क्रांति
- माया सभ्यता
- हरित क्रान्ति क्या है?
- हरित क्रान्ति की उपलब्धियां एवं विशेषताएं
- हरित क्रांति के दोष अथवा समस्याएं
- द्वितीय हरित क्रांति
- भारत की प्रमुख भाषाएँ और भाषा प्रदेश
- वनों के लाभ (Advantages of Forests)
- श्वेत क्रान्ति (White Revolution)
- ऊर्जा संकट
- प्रमुख गवर्नर जनरल एवं वायसराय के कार्यकाल की घटनाएँ
- INTRODUCTION TO COMMERCIAL ORGANISATIONS
- Parasitic Protozoa and Human Disease
- गतिक संतुलन संकल्पना Dynamic Equilibrium concept
- भूमण्डलीय ऊष्मन( Global Warming)|भूमंडलीय ऊष्मन द्वारा उत्पन्न समस्याएँ|भूमंडलीय ऊष्मन के कारक
- भूमंडलीकरण (वैश्वीकरण)
- मानव अधिवास तंत्र
- इंग्लॅण्ड की क्रांति
- प्राचीन भारतीय राजनीति की प्रमुख विशेषताएँ
- प्रथम अध्याय – प्रस्तावना
- द्वितीय अध्याय – प्रयागराज की भौगोलिक तथा सामाजिक स्थित
- तृतीय अध्याय – प्रयागराज के सांस्कृतिक विकास का कुम्भ मेल से संबंध
- चतुर्थ अध्याय – कुम्भ की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक पृष्ठभूमि
- पंचम अध्याय – गंगा नदी का पर्यावरणीय प्रवाह और कुम्भ मेले के बीच का सम्बंध
Disclaimer: sarkariguider.com केवल शिक्षा के उद्देश्य और शिक्षा क्षेत्र के लिए बनाई गयी है | हम सिर्फ Internet पर पहले से उपलब्ध Link और Material provide करते है| यदि किसी भी तरह यह कानून का उल्लंघन करता है या कोई समस्या है तो Please हमे Mail करे- sarkariguider@gmail.com