क्रिकेट के नियम (Cricket)- इतिहास, खेल का मैदान, महत्वपूर्ण तथ्य, प्रतियोगिताएं एवं प्रमुख खिलाड़ी
क्रिकेट के नियम (Cricket)- इतिहास, खेल का मैदान, महत्वपूर्ण तथ्य, प्रतियोगिताएं एवं प्रमुख खिलाड़ी
वर्तमान समय में क्रिकेट से अधिक लोकप्रिय अन्य कोई खेल नहीं है। इस खेल की विश्व कप प्रतियोगिता बड़ी हो रोमांचकारी होती है।
इतिहास
क्रिकेट के जन्मदाता देश के सम्बन्ध में विभिन्न मत प्रचलित हैं । कुछ लोगों का मत है कि इस खेल का प्रारम्भ सन् 1300 में इंग्लैण्ड के कैप्ट नगर में हुआ था। इस तथ्य की पुष्टि ब्रिटिश राजा एडवर्ड की अलमारी से मिले बल्ले और गेंद से होतो है। सन 1500 तक इंग्लैण्ड में अनेक क्रिकेट क्लब स्थापित हो गए और इस खेल का व्यापक प्रचार हो गया इसके बाद सन् 1706 में पहला क्रिकेट मैच खेला गया, जिसका उल्लेख विलियम गोल्ड ने अपनी एक कविता में किया है । लेकिन अधिकांश खेल विशेषज्ञों का मत है कि क्रिकेट का पहला मेच सन् 1709 में लन्दन तथा कैण्ट की टीमों के मध्य खेला गया था। लेकिन इस खेल की बढ़ती लोकप्रियता से शासन वर्ग रुष्ट था। सन् 1680 में ही ‘ओलीवर क्रामवेल ‘ के कमिश्नर ने सम्पूर्ण आयरलेण्ड में क्रिकेट खेल पर प्रतिबन्ध लगा दिया था, लेकिन प्रतिबन्ध के बावजूद भी यह खेल दिन-तिदिन लोकप्रिय होता गया। सन् 1710 से क्रिकेट का खेल कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय तथा सन् 1729 से ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में खेला जाने लगा। सन् 1760 में इंग्लैण्ड में प्रथम क्रिकेट क्लब की स्थापना हुई। इसका नाम हैन्बलडन क्लब’ था। सन् 1787 में ‘मैरिलबोन क्रिकेट क्लब’ की स्थापना हुई। इस क्लब के नेतृत्व में लाईस के मैदान में 27 दून, 1788 को पहला क्रिकेट मैच खेला गया।
18 जून, सन् 1744 को सर्वप्रथम लन्दन क्लब ने क्रिकेट खेल के नियम बनाए। सन् 1864 में डब्ल्यू० जी० प्रेस ने बल्लेबाजी की तकनीको में सुधार करके अपना नाम अमर कर लिया। ग्रेस को ‘क्रिकेट का जनक’ भी कहा जाता है। सन् 1877 में क्रिकेट को अन्तर्राष्ट्रीय स्वरूप त्राप्त हुआ। इस वर्ष आस्ट्रलिया एवं इंग्लैण्ड के बीच पहला क्रिकेट मैच हुआ, जिसमें ऑस्ट्रेलिया को विजय प्राप्त हुई। सन् 1909 में क्रिकेट को अन्तराष्ट्रय मान्यता प्राप्त हुई और ‘इम्पीरियल क्रिकेट कॉन्फेस’ में ऑसट्रेलिया एवं दक्षिण अफ्रीका भी सम्मिलित हो गए एवं सन् 1926 में भारत, न्यूीलैण्ड एवं वेस्टइण्डीज भी इसके सदस्य वन गए। सन् 1952 में पाकिस्तान को इसकी सदस्यता मिली। सन् 1965 में ‘इम्पीरियल क्रिकेट कॉन्फ्रेंस’ का नाम बदलकर ‘अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट महासंघ’ रख दिया गया। धीरे-धीरे क्रिकेट महासंघ के सदस्य देशों की संख्या बढ़ने लगी।
सन् 1930 में इंग्लैप्ड और ऑस्ट्रेलिया के मध्य चार दिवसीय टेस्ट मैचं की शृंखला आरम्भ हुई। वर्ष 1938-39 में इन दोनों देशों के बीच डरबन में दस दिनों तक अनिर्णीत मैच खेला गया।
5 जनवरी, 1971 से क्रिकेट की एक दिवसीय टेस्ट मैच शृंखला आरम्भ हुई। पहला एक दिवसीय मैच ऑस्ट्रेलिया एवं इंग्लैण्ड के मध्य खेला गया। इसमें प्रत्येक पारी के लिए 40 ओवर निश्चित किए गए थे। इस मैच में ऑस्ट्रेलिया की टीम ने 5 विकेट खोकर 191 रन बनाए और विजय प्राप्त की, जबकि इंग्लैण्ड की पूरी टीम 190 रन बनाकर आउट हो गई थी।
इंग्लैण्ड में ही 7 जून, 1975 से विश्व कप क्रिकेट की शुरूआत हुई। अब तक सात विश्व कप प्रतियोगिताएँ हो चुकी हैं। सन् 1999 की सातवीं विश्व कप प्रतियोगिता में ऑस्ट्रेलिया को विजय मिली है। तीसरे विश्व कप सन् 1983 का विजेता भारत था। छठे विश्व कप सन् 1996 में श्रीलंका ने विजय प्राप्त की थी।
भारत में क्रिकेट का आरम्भ सन् 1721 से हुआ। सन् 1792 में कलकत्ता (कोलकाता) में क्रिकेट क्लब की स्थापना हुई। सन् 1866 में भारत की ओर से पहली क्रिकेट टीम इंग्लैण्ड का दौरा करने के लिए गई। वर्ष 1889-90 में इंग्लैण्ड की टीम ने भारत का दौरा किया। सन् 1900 में भारत में ‘रोशनआरा क्लब’ खुला ओर सन् 1928 में ‘क्रिकेट संघ’ की स्थापना हुई। सन् 1932 में लार्ड्स के मैदान में इंग्लैण्ड एवं भारत के मध्य पहला क्रिकेट टेस्ट मैच हुआ। इसी वर्ष ग्राण्ट के नेतृत्व में ‘क्रिकेट कण्ट्रोल बोर्ड’ की स्थापना हुई। भारत के पहले क्रिकेट कप्तान सी० के० नायडू थे, जिनके नेतृत्व में भारतीय क्रिकेट टीम ने इंग्लैण्ड को 158 रनों से पराजित किया था। भारत के प्रारम्भिक क्रिकेट खिलाड़ी महाराजा रंजीतसिंह, दिलीप सिंह एवं इफ्तिखार अली खाँ पटौदी थे । इन लोगों ने विदेशी टीमों की ओर से खेलकर अपने जौहर दिखाए थे।
आजकल क्रिकेट भारत का एक प्रमुख और अत्यधिक लोकप्रिय खेल बन चुका है। सन् 1975 से महिलाएँ भी इस खेल में उतर चुकी हैं।
क्रिकेट का मैदान
क्रिकेट एक लम्बे-चौड़े मैदान में खेला जाता है। इस मैदान के मध्य में पिच बनाई जाती है, जिसकी लम्बाई 22 गज अर्थात् 20-12 मीटर और चौड़ाई 8 फीट 8 इंच होती है। पिच के दोनों ओर जमीन से 27 इंच की ऊँचाई पर तीन-तीन स्टम्प (विकेट) लगाए जाते हैं, जिनके ऊपर 46 इंच लम्बो तथा 0-5 इंच मोटी बेल्ट रखी जाती है। बालिंग क्रीज की लम्बाई 8 फीट 8 इंच होती है।
क्रिकेट खेल के महत्वपूर्ण तथ्य
क्रिकेट खेल के महत्त्वपूर्ण तथ्य निम्नलिखित हैं-
(1) क्रिकेट का बल्ला 38 इंच (96-5 सेमी) लम्बा और 4.5 इंच (10-8 सेमी) चौड़ा होता है। इसका भार दो पौण्ड तीस औंस होता है।
(2) क्रिकेट की बाल की परिधि 9 इंच तथा वजन 5.5 औंस से 5·75 औंस तक होता है। बॉल ठोस एवं चिकनी होती है।
(3) क्रिकेट का खेल दो टीमों के बीच खेला जाता है और प्रत्येक टीम में 11 खिलाड़ी होते हैं ।
(4) पिच में विकेटों की सीध में जो लाइन होती है उसके दोनों कोर्नों पर पिच की उल्टी दिशा में चार-चार फीट की रेखाएँ खींची जाती हैं। इन्हें ‘बालिंग क्रीज’ कहते हैं।
(5) क्रिकेट में खेल की पहली पारी वही टीम खेलती है जो ‘टॉस’ जीतती है, लेकिन टॉस जीतने वाली टीम का कप्तान विपक्षी टीम को पहले खेलने का अवसर दे सकता है।
(6) क्रिकेट के मैदान में रक्षक टीम के खिलाड़ी विभिन्न स्थानों पर खड़े होते हैं। उनकी स्थिति इस प्रकार होती है-बॉलर, विकट-कीपर, स्लिप, गली, प्वाइण्ट, सिली प्वाइण्ट, सिली मिड ऑफ, कवर, एकस्ट्रा कवर, डीप कवर, मिड ऑफ, लॉंग ऑन, सिली मिड ऑन, मिड विकेट, डीप मिड स्क्वेयर, लैग स्विप, शॉर्ट लैग, लाँग लैग, थर्ड मैन।
(7) क्रिकेट की शब्दावली में गुगली, ऑफ स्पिन , लेग स्पिन, फ्लाइट, इन स्विंग, आउट स्विंग, रिवर्स स्विंग, बम्पर, फुल टॉस, शॉर्ट पिच, वाइड, नो बाल, ओवर, ओवर दि विकेट, राउण्ड दि विकेट, मेडेन, वाइड बॉल, हिट विकेट, प्लेड ऑन, रन आउट, स्टम्प्ड आउट, बोल्ड, कैच, कॉट, फॉलोऑन, थ्रो, ओवर थ्रो, पैड, शॉर्ट रन, एल० बी० डब्ल्यू०, फील्डर, प्रोटेक्शन गार्ड, पिच, क्रीज, नॉट आउट, इनिंग्स, ग्लब्स, कैप, बाउण्डरी, ओवर बाउण्डरी, सीम, शूटर, स्लाग ओवर आदि शब्द महत्त्वपूर्ण हैं।
(8) क्रिकेट में बल्लेबाजी को विशेष महत्त्व दिया जाता है। बल्लेबाज रक्षात्मक अथवा आक्रामक बल्लेबाजी करता है। स्ट्रोक लगाने के अनेक ढंग हैं, जिनमें स्ट्रेट कवर, ड्राइव ऑन, स्क्वेयर कट, लेट कट, लैंग ग्लान्स, स्वीप, हुक, पुल शॉट मुख्य हैं।
(9) क्रिकेट में गेंदबाजी का भी महत्त्वपूर्ण स्थान है । गेंदबाजी कई प्रकार की होती है, जिनमें तेज गेंदबाजी, मध्यम गेंदबाजी, स्पिन अथवा घूमती हुई गेंदबाजी और धीमी गेंदबाजी प्रमुख हैं। गेंदबाजी की अनेक तकनीक हैं, जिनमें गुगली, लैग स्पिन तथा बम्पर मुख्य हैं।
(10) क्रिकेट खेल में दो ‘अम्पायर’ होते हैं, जिनका निर्णय सभी खिलाड़ियों को मान्य होता है।
(11) क्रिकेट खेल में छह बार गेंद फेंकने पर एक ‘ओवर’ पूरा होता है। जिस ओवर में खिलाड़ी एक भी रन नहीं बनाते, उसे ‘मेडेन ओवर’ कहा जाता है।
(12) क्रिकेट में विकेट का साम्य खिलाड़ी के साथ होता है। खेल के दौरान जिस टीम के जितने विकेट गिर जाते हैं, टतने ही उसके खिलाड़ी आठट माने जाते हैं। खेल के समय दो खिलाड़ी पिच पर रहते हैं, अतः जब टसवाँ विकेट गिर जाता है तो पूरी टीम आठट मानी जाती है।
(13) क्रिकेट खेल की सामग्री में बैट, वॉल, विकेट, हैण्ड ग्लब, पैड, शु. हेलमेट आदि प्रमुख हैं।
खेल के नियम
क्रिकेट खेल से सम्बन्धित प्रमुख नियम निम्नलिखित हैं-
(1) यदि कोई बल्लेबाज बैट के बजाय अपने शरीर के किसी भाग से बॉल को छूता है और अम्पायर यह अनुभव करता है कि यटि ऐसा न होता तो बॉल विकेट में लगती, तो वह एल० बी० डब्ल्यू० के नियम के अन्तर्गत उस बल्लेबाज को आठट घोषित कर देगा।
(2) यदि विकेट और विकेट के बीच की सीध में बाल का ठप्पा पड़ता है तो भी उपर्युक्त नियम लागू होगा।
(3) यदि कोई बल्लेबाज बॉल को मारने के उद्देश्य से क्रीज से बाहर निकल आता है और इसी बीच बॉल विकेट-कीपर के हाथ में आ जाती है और वह बाल मारकर विकेट गिरा देता है, तो बल्लेबाज ‘स्टप्प आउट’ माना जाएगा।
(4) यदि बल्लेबाज के शॉट लगाने के बाद रन लेने के लिए क्रीज पर पहुँचने से पहले ही क्षत्र रक्षक खिलाड़ी द्वारा विकेट पर बॉल मार दी जाती है तो बल्लेबाज ‘रन आठट’ माना जाता है।
(5) जब विपक्षी टीम का कोई खिलाड़ी बल्लेवाज द्वारा स्ट्रोक की गई बॉल को जमीन पर गिरने के पूर्व लपक लेता है तो बल्लेबाज ‘कैच आउट’ माना जाता है।
(6) यदि गेंदबाज द्वारा फैंकी गई बॉल से विकेट उखड़ जाता है और उस पर रखी गिल्ली गिर जाती है, तब बल्लेबाज को ‘व्लीन बोल्ड आउट’ माना जाता है।
(7) यदि कोई बल्लेबाज खेल के दौरान गतिशील बॉल को हाथ से पकड़ लेता है तो उसे ‘आउर माना जाता है।
(৪) यदि कोई बल्लेबाज बॉल को हिट करने के चक्कर में अपने बेट अथवा शरीर से विकेट को स्वयं गिरा बैठता है तो उसे ‘हिट विकेट आउट’ घोषित कर दिया जाता है।
(9) यदि कोई बल्लेबाज बॉल को दो बार हिट करने का प्रयास करता है तो भी उसे आट माना जाता है।
(10) यदि कोई बल्लेबाज जानवूझकर क्षेत्र-रक्षण में रुकावट डालता है तो भी उसे ‘आउट’ घोषित कर दिया जाता है।
(11) क्रिकेट मैच में वही टीम विजयी मानी जाती है जिसकी रन संख्या दोनों पारियों में विपक्षी टीम से अधिक होती है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि जब एक टीम इतने अधिक रन बना लेती है कि उसे दूसरी पारी खेलने की आवश्यकता ही नहीं रहती, तब ऐसी स्थिति में वह टीम दूसरी टीम को ‘फॉलोऑन’ कराने का अधिकार रखती है।
(12) यदि कोई नया बल्लेबाज खेल के मैदान में आने में जानबूझकर दो मिनट से अधिक समय लेता है तो उसे ‘टाइम अग्ट’ करार दिया जा सकता है।
(13) यदि कोई बॉल क्षेत्ररक्षक खिलाड़ी के हेलमेट से टकरा जाती है, अम्पायर के कपड़ों में फस जाती है, सीमा रेखा पर उसके पार पहुँच जाती है, विकेट-कीपर अथवा गेंदबाज के हाथ में पहुँच जाती है अथवा बल्लेबाज को आउट कर देती है, तो ऐसी बॉल को ‘डैड बॉल’ कहते हैं।
(14) यदि अम्पायर यह अनुभव करता है कि गेंदबाज ने बॉल को बल्लेबाज की पहुँच से दूर फैंका है तो वह ऐसी बाल को ‘वाइड बॉल’ घोषित कर देता है। ऐसी बॉल पर बल्लेबाज को एक रन मिलता है।
(15) यदि गेंदबाज अम्पायर की दृष्टि से बॉल को ठीक ढंग से नहीं फैंकता है तो ऐसी बॉल ‘नो बॉल’ कही जाती है।
(16) ऐसी बॉल जो ‘वाइड’ अथवा ‘नो बॉल’ न हो और बैट अथवा बल्लेबाज के शरीर को छुए बिना विकेट-कीपर के हाथ से भी छूट जाती है, तो उस स्थिति में बल्लेबाज जितने रन बना लेता है वे सब ‘बाई रन’ कहलाते हैं। यदि ऐसी बॉल बल्लेबाज के शरीर को छूती हुई निकलती है तो बल्लेबाज को ‘लैग बाई’ रन प्राप्त होते हैं।
प्रमुख प्रतियोगिताएँ
एक दिवसीय मैच :
- विश्व कप
- राथमैन्स कप
- शारजाह कप
- रिलाइन्स कप
- हैवर्ड्स कप (महिला विश्व कप)
- एशिया कप
- ऑस्ट्रेलिया कप
- द्वीरो कप।
टेस्ट शरृंखला :
- एशेज (ऑस्ट्रेलिया-ंग्लैण्ड)
- मेस्को कप
- नटवेस्ट कप
- पेप्सी कप
- शीशमददल क्रिकेट कप
- मोझतुदौला कम
- एशिया यूष कप ।
- ड स्ट्राइस कप ।
क्रिकेट ट्रॉफी :
- इन्दिरा प्रियदर्शिनी ट्रॉफी ।
- रोहिण्टन बारिया ट्रॉफी ।
- एस्कॉर्ट ट्रॉफी।
- रानी झाँसी ट्रॉफी ।
- अखिल भारतीय नरगिस दत्त मेमोरियल ट्रॉफी ।
- रणजी ट्रॉफी ।
- विल्स ट्रॉफी ।
- गुलाम अहमद ट्रॉफी ।
- चैम्पियन्स ट्रॉफी ।
प्रमुख खिलाड़ी
- भारत
विजय हजारे, जी० विश्वनाथ, वेंकट राघवन, चन्द्रशेखर, सी. के० नायडू, लाला अमरनाथ, श्रीनाथ, दिलीप वेंगसरकर, मोहिन्दर अमरनाथ, सुनील गावस्कर, कपिल देव, मोहम्मद अजहरुद्दीन, सचिन तेन्दुलकर, किरण मोरे, रविशास्त्री, विनोद काम्बली, अनिल कुम्बले, मनोज प्रभाकर, नवजोत सिद्ध, वेंकटपति राजू, वी० वी० एस० लक्ष्मण, राहुल द्रविड़, नयन मोंगिया, सौरव गांगुली, अजय जडेजा, वेंकटेश प्रसाद आदि।
- श्रीलंका
अर्जुना रणतुंगे, हथक सिन्धे, अरविन्द डी-सिल्वा, दिलीप मेंडिस आदि ।
- पाकिस्तान
इमरान खान,जावेद मियांदाद, रमीज राजा,मुश्ताक अहमद,वसीम अकरम,इन्जमाम-उल-हक, आमिर सोहेल, वकार यूनुस, सलीम मलिक, आकिब जावेद आदि।
- दक्षिणी अफ्रीका
एड्यू हडसन, केपलर बेसल्स, एलन डोनाल्ड, पीटर क्रिस्टन, ब्रायन मैकमिलन आदि ।
- इंग्लैण्ड
एलन नाट, ग्रीम हिक, ग्राहम गूच, इयान बाथम, टॉनी लाक, जी थोपें, माइक गैटिंग, पीट गे, रेहलिम बर्थ, क्रेडी टूरमेन, डेविड गावर, पीटर सच, डेनिस क्रॉम्पटन, एलक स्टीवर्ट, नीलफेयर ब्रदर, कॉलिन क्राउड़े, जिम लेकर, ज्यॉफ बायकाट, स्थेथम आदि ।
- वेस्टइण्डीज
क्लाइव लायड, फेंक वोरेल, वेजले हॉल, रिची रिचर्डसन, एवर्टन वीक्स, कार्ल हूपर, डेसमण्ड हेस, मार्शल, गारफील्ड सोबर्स, कर्टली एम्ब्रोस, ब्रायन लारा आदि।
- न्यूजीलैण्ड
ग्रेन टर्नर, जॉन राइट, रिचर्ड हेडली, मार्टिन क्रो, डेरी मोरीसन, मार्क ग्रेटबैच, एड्यू जोन्स आदि ।
- आस्ट्रेलिया
प्रेग चैपल, एलन बार्डर, इयान चैपल, डेविड बून, कीथ मिलर, थॉमसन, डेनिस लिली, स्टीव वॉग, मार्क टेलर, नील हार्वे, एलन डेविडसन, मार्क वॉग, क्रेग मेकडरमोट, रिची बैनो, मर्व ह्यूज, इयान हिली, डी मार्टिन आदि ।
महत्वपूर्ण लिंक
- भारतीय संविधान की विशेषताएँ
- जेट प्रवाह (Jet Streams)
- चट्टानों के प्रकार
- भारतीय जलवायु की प्रमुख विशेषताएँ (SALIENT FEATURES)
- राजा राममोहन राय की सम्पूर्ण जीवन यात्रा
- मृदा नमी को प्रभावित करने वाले कारक
- भूमिगत जल को प्रभावित करने वाले कारक
- परमाणु रिएक्टर का निर्माता एनरिको फर्मी
- भूमिगत जल के स्रोत
- वाष्पोत्सर्जन को प्रभावित करने वाले कारक
- मृदा नमी संरक्षण
- Important aspects related to the life of Netaji Subhash Chandra Bose
- Swami Dayanand Saraswati’s important contribution in social reform
- राजीव गांधी के व्यक्तित्व से जुड़े रोचक तथ्य
- Indian Citizenship
- अभिभावक शिक्षक संघ (PTA meeting in hindi)
- कम्प्यूटर का इतिहास (History of Computer)
- कम्प्यूटर की पीढ़ियाँ (Generations of Computer)
- कम्प्यूटर्स के प्रकार (Types of Computers )
- अमेरिका की क्रांति
- माया सभ्यता
- हरित क्रान्ति क्या है?
- हरित क्रान्ति की उपलब्धियां एवं विशेषताएं
- हरित क्रांति के दोष अथवा समस्याएं
- द्वितीय हरित क्रांति
- भारत की प्रमुख भाषाएँ और भाषा प्रदेश
- वनों के लाभ (Advantages of Forests)
- श्वेत क्रान्ति (White Revolution)
- ऊर्जा संकट
- प्रमुख गवर्नर जनरल एवं वायसराय के कार्यकाल की घटनाएँ
- INTRODUCTION TO COMMERCIAL ORGANISATIONS
- Parasitic Protozoa and Human Disease
- गतिक संतुलन संकल्पना Dynamic Equilibrium concept
- भूमण्डलीय ऊष्मन( Global Warming)|भूमंडलीय ऊष्मन द्वारा उत्पन्न समस्याएँ|भूमंडलीय ऊष्मन के कारक
- भूमंडलीकरण (वैश्वीकरण)
- मानव अधिवास तंत्र
- इंग्लॅण्ड की क्रांति
- प्राचीन भारतीय राजनीति की प्रमुख विशेषताएँ
- प्रथम अध्याय – प्रस्तावना
- द्वितीय अध्याय – प्रयागराज की भौगोलिक तथा सामाजिक स्थित
- तृतीय अध्याय – प्रयागराज के सांस्कृतिक विकास का कुम्भ मेल से संबंध
- चतुर्थ अध्याय – कुम्भ की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक पृष्ठभूमि
- पंचम अध्याय – गंगा नदी का पर्यावरणीय प्रवाह और कुम्भ मेले के बीच का सम्बंध
Disclaimer: sarkariguider.com केवल शिक्षा के उद्देश्य और शिक्षा क्षेत्र के लिए बनाई गयी है | हम सिर्फ Internet पर पहले से उपलब्ध Link और Material provide करते है| यदि किसी भी तरह यह कानून का उल्लंघन करता है या कोई समस्या है तो Please हमे Mail करे- sarkariguider@gmail.com