पंजिका- पंजिका की आवश्यकता , पंजिका के प्रकार , पंजिका का रखरखाव , निष्कर्ष
पंजिका- पंजिका की आवश्यकता , पंजिका के प्रकार , पंजिका का रखरखाव , निष्कर्ष
साधारण अर्थों में यदि समझा जाए तो ज्ञात होता है कि किसी विशेष विषय के बारे में लिखित तौर पर जानकारी को संचित एवं सुरक्षित प्रकार से रखे जाने को ही रजिस्टर में दाखिल करना होता है तथा यह पुस्तिका जहां लिखा जाता है उसे पंजिका कहते हैं।
हमारे समाज में सभी प्रकार के स्थाई एवं अस्थाई संस्थाओं द्वारा रजिस्टर निर्माण का कार्य किया जाता है। इसमें विभिन्न प्रकार के आवश्यक जानकारी को एकत्रित करके रखा जाता है।
विद्यालय रजिस्टर को हम कुछ इस प्रकार समझ सकते हैं कि विद्यालय जो एक स्थाई एवं महत्वपूर्ण संस्था है और उससे संबंधित सभी प्रकार की जानकारी फिर वह बालक शिक्षक या प्रशासन किसी से भी संबंधित उनके लिए उपयोगी है। विद्यालय को शिक्षा विभाग समाज तथा प्रबंधन समिति के प्रति भी उत्तरदाई होना पड़ता है। इन दायित्वों के उचित प्रकार से निर्वहन हेतु विद्यालय को बहुत सी प्रकार की पंजिकाओं का निर्माण तथा उनकी व्यवस्था करनी होती है अर्थात विद्यालय के विभिन्न प्रकार कार्यकलापों को लिखित रूप में किसी पुस्तिका में संचित एवं सुरक्षित रखना होता है। यह पुस्तिका ही पंजिका कहलाती है। पंजिका की सहायता से हम विद्यालय के किसी भी विषय में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। पंजिका द्वारा प्राप्त जानकारी से हम विद्यालय के बहुत से पहलुओं से अवगत हो सकते हैं। विद्यालय रजिस्टर कुशल संचालन एवं कार्य के प्रति उत्तरदाई होती है।
पंजिका की आवश्यकता
विद्यालय में रजिस्टर की निम्नलिखित आवश्यकता होती है-
- पंजिका में विद्यालय प्रशासन तथा विद्यार्थी सभी से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी को सुरक्षित रखने हेतु इनकी आवश्यकता।
- विद्यालय में निरीक्षण के दौरान इनकी आवश्यकता हेतु।
- वर्तमान समय में शिक्षा विभाग द्वारा सभी विद्यालयों को पंजिका निर्माण के निर्देश है इसकी हेतु भी पंजिका की आवश्यकता।
- पंजिका द्वारा किसी भी प्रकार की निर्देश दी जा सकती है।
- यह सभी प्रकार की विद्यालय संबंधी जानकारी के स्त्रोत के रूप में कार्य करता है।
- छात्रों के शैक्षणिक प्रदर्शन के संबंध में मार्गदर्शक एवं परामर्शदाता के रूप में आवश्यक।
- विद्यार्थी की प्रवेश आयु, प्रवेश वर्ष, माता-पिता के बारे में जानकारी, प्रवेश के समय विद्यार्थियों की स्थिति आज की जानकारी हेतु आवश्यक।
- विद्यालय में होने वाली महत्वपूर्ण घटनाओं को दर्शाने हेतु आवश्यकता।
पंजिका के प्रकार
विद्यालय में विभिन्न प्रकार की पंजिकाओं का प्रयोग किया जाता है। विद्यालय के शैक्षिक कार्यों एवं प्रबंधन में प्रयुक्त होने वाली पंजिका निम्नलिखित हैं-
- उपस्थिति पंजिका – प्रत्येक विद्यालय में उपस्थिति होती है इसमें विद्यालय के दिनों में उपस्थिति को लगाया जाता है। यह पंजिका भी विद्यालय में तीन प्रकार की होती है-
- कर्मचारी उपस्थिति पंजिका – इस पंजिका में विद्यालय में कार्य करने वालों की उपस्थिति दर्ज कराई जाती है जैसे स्कूल का बाबू, चपरासी और भी अनेक प्रकार के कर्मचारी।
- शिक्षक उपस्थिति पंजिका- इस पंजिका में विद्यालय के प्रत्येक शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज की जाती है। यहां पर शिक्षक खुद ही अपनी उपस्थिति दर्ज करता है।
- छात्र उपस्थिति पंजिका – यह पंजिका विद्यालय में प्रत्येक कक्षा की अपनी अपनी अलग पंजिका होती है। इसमें शिक्षक द्वारा बालकों पर स्थिति दर्ज करने की जाती है। उपस्थिति आदर्श रूप में दिन में दो बार चिन्हित की जाती चाहिए।
- लॉग बुक पंजिका – यह रजिस्टर प्रत्येक शिक्षक द्वारा निर्मित की जाती है। एक लॉग बुक साप्ताहिक शिक्षण सीखने की गतिविधियों की अग्रिम योजना बनाने में मदद करती है, यह सुनिश्चित करने में कि इन योजनाओं के अनुसार पाठ पढ़ाना है और भविष्य के संदर्भ के लिए रिकॉर्ड बनाए रखना है। इसका उद्देश्य शिक्षक के दैनिक कार्य को अधिक व्यवस्थित बनाना है।
- छात्र प्रवेश पंजिका – इस रजिस्टर के अंतर्गत छात्र से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी होती है। इसमें छात्र का नाम, छात्र के पिता का नाम, मां का नाम, पूर्ण पता, संरक्षक आदि की पूर्ण जानकारी को रखा जाता है। छात्र द्वारा प्रवेश लेने की तिथि तथा प्राप्त अंक इत्यादि भी होते हैं।
- स्थानांतरण प्रमाण पत्र – इस रजिस्टर के अंतर्गत छात्र के स्थानांतरण से संबंधित संपूर्ण जानकारी होती है जैसे कि कोई छात्र किस विद्यालय से स्थानांतरित होकर आया है या कौन से छात्र विद्यालय से स्थानांतरित हुए हैं। किस-किस कक्षा के छात्र स्थानांतरित हुए हैं इत्यादि जानकारी इसमें होती है।
- पुस्तिकाओं से संबंधित पंजिका – प्रत्येक विद्यालय द्वारा उनके उपयोग हेतु कुछ पुस्तकें खरीदी जाती है जिनकी जानकारी इस रजिस्टर में दर्ज की जाती है। इस पंजिका के अंतर्गत पुस्तक संबंधित जानकारी जैसे- पुस्तक का नाम, लेखक का नाम, प्रकाशन तिथि, प्रकाशक का नाम, मूल्य इत्यादि को दर्ज किया जाता है।
- छात्रवृत्ति पंजिका – इस पंजिका के अंतर्गत जिन छात्रों द्वारा छात्रवृत्ति प्राप्त की जा रही है उनकी सूचना रखी जाती है। बालक का नाम, छात्रवृत्ति की राशि, कक्षा, अभिभावक का नाम, इत्यादि इस में दर्ज किया जाता है।
- स्टाक पंजिका – स्टाफ रजिस्टर में विद्यालय में प्रयुक्त होने वाली सामग्री जैसे- चार्ट, डस्टर, चाक, रजिस्टर इत्यादि भौतिक संसाधनों द्वारा उनके खर्चे का विवरण होता है इस रजिस्टर के अंतर्गत स्टॉक संबंधित संपूर्ण खर्चों का विवरण होता है।
- विद्यार्थी स्वास्थ्य पंजिका – इस रजिस्टर के अंतर्गत विद्यालय के प्रत्येक बच्चे के स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी को रखा जाता है। इसके अंतर्गत प्रत्येक महीने में बालक से संबंधित जानकारी जैसे वजन, लंबाई, रक्तचाप, पोषण आदि का उल्लेख किया जाता है। इस रजिस्टर की सहायता से यह ज्ञात किया जाता है कि विद्यार्थियों के स्वास्थ्य का स्तर क्या है।
- अभिभावक शिक्षक संघ -विद्यालय में सामान्यतः दो महीने में एक बार अभिभावक शिक्षक बैठक का आयोजन किया जाता है। इस बैठक में प्रत्येक विद्यार्थियों के अभिभावक से शिक्षक उनके बच्चे के व्यवहार शैक्षिक प्रदर्शन एवं योग्यता पर चर्चा करता है। इस पंजिका में शिक्षक द्वारा विद्यार्थी की अभिभावकों की उपस्थिति दर्ज की जाती है।
- आचरण पंजिका – इस रजिस्टर में सभी छात्रों का सामान्य आचरण दर्ज किया जाता है। कुछ ही विद्यालयों में जहां नियमित आचरण प्रगति रिपोर्ट रखी जाती है वहां इस रजिस्टर को छोड़ प्रत्येक विद्यालयों में इनकी व्यवस्था होती है।
- सजा पंजिका – इस रजिस्टर में प्रिंसिपल या शिक्षकों द्वारा दिए दंड का यह रिकॉर्ड रखा जाता है। हालांकि यह रजिस्टर केवल नियमों के गंभीर उल्लंघन या अनुशासन के उल्लंघन के लिए उपयोग में लाई जाती है।
- संचयी रजिस्टर – इस रजिस्टर के अंतर्गत छात्र की पूर्ण जानकारी होती है। यहां पर छात्र से सभी प्रकार से जुड़ी जानकारी दर्ज होती है। विद्यार्थी जब से विद्यालय में प्रवेश लेता है तब से लेकर वर्तमान समय की संपूर्ण जानकारी इसमें ली की जाती है।
- प्रबंधन समिति पंजिका – इस में विद्यालय समिति में शामिल सभी सदस्यों के नाम उनके पद अधिकारी का उल्लेख होता है।
विद्यालयों में और भी प्रकार के रजिस्टर पाए जाते हैं निरीक्षण पंजिका, कार्यवाही पंजिका, एम0आर0एम पंजिका, एस0आर0 पंजिका, अध्यापक पत्र व्यवहार रजिस्टर आदि।
पंजिका का रखरखाव
इसका का रखरखाव करना एक कला ही नहीं विज्ञान भी है। यह सब कार्य वैज्ञानिक तरीके से व्यवस्थित रूप में करना चाहिए। इस संदर्भ में रखरखाव के समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए-
- प्रत्येक रजिस्टर का अपना एक नंबर सुनिश्चित करना चाहिए।
- प्रत्येक रजिस्टर पर क्रमांक मुख्य पृष्ठ पर स्पष्ट शब्दों में लिखा होना चाहिए।
- एक रजिस्टर में एक विषय की जानकारी दर्ज करनी चाहिए।
- रजिस्टरको यह कलमारी में सुरक्षित रखना चाहिए।
- प्रत्येक रजिस्टर में पृष्ठ संख्या अवश्य लिखी होनी चाहिए।
- रजिस्टर का कोई भी पृष्ठ भाड़ा नहीं जाना चाहिए।
निष्कर्ष
रजिस्टर को सरल अर्थ मे ले तो किसी विशेष विषय के बारे में लिखित तौर पर जानकारी को सुरक्षित एवं संचित किया जाता है। विद्यालय के विभिन्न प्रकार के कार्यकलापों को निम्नलिखित रुप में पुस्तिका में एकत्रित करना होता है। यह पुस्तिका ही पंजिका कहलाती है।
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